
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और हाईवे से हटाए जाएं आवारा कुत्ते और पशु, वापस उसी जगह नहीं छोड़े जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: आवारा कुत्तों व पशुओं को सार्वजनिक स्थलों से हटाया जाए, तीन हफ्ते में रिपोर्ट
देश के कई राज्यों में आवारा कुत्तों के हमले, रेबीज संक्रमण और यातायात दुर्घटनाओं से जुड़े मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड एवं सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों और जानवरों की एंट्री रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाए जाएं। इसके अलावा नेशनल और स्टेट हाईवे पर घूम रहे आवारा पशुओं को भी जल्द से जल्द हटाया जाए।
आदेश क्या कहता है? | What the Court Ordered
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों के कैंपस में सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए इन परिसरों के चारों ओर बाड़ (fencing) लगाई जाए, ताकि कुत्ते और आवारा पशु अंदर प्रवेश न कर सकें। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि जहां से कुत्ते पकड़े जाएं, उन्हें वहीं वापस नहीं छोड़ा जाए, बल्कि उन्हें स्थायी या दीर्घकालिक शेल्टर में रखा जाए।
कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और तीन सप्ताह में हलफनामा सहित स्थिति रिपोर्ट जमा करें। अगली सुनवाई 13 जनवरी को निर्धारित की गई है।
क्यों आया यह आदेश? | Background of the Case
28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया था, जिसमें बताया गया कि दिल्ली-एनसीआर में बच्चों पर आवारा कुत्तों के हमले और रेबीज से मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने इस मुद्दे का दायरा पूरे देश तक बढ़ा दिया।
देश के कई राज्यों में सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने से लेकर शेल्टर की कमी तक समस्याएं हैं। कोर्ट ने कहा कि:
• बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सर्वोपरि है
• जागरूकता, नियंत्रण और प्रबंधन — तीनों पर एक साथ ध्यान देना होगा
यह आदेश पूरे देश में लागू | Nationwide Implementation
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा तीन महीने पहले दिए गए आदेश को पूरे भारत में लागू किया जाता है। इसमें कहा गया था कि:
• आवारा जानवरों को सड़क से हटाया जाए
• बाधा डालने वालों पर FIR दर्ज की जाए
5 बड़े निर्देश | Key Takeaways
- सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएं।
- राज्य सरकारें 2 हफ्तों में सभी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल की पहचान करें जहाँ कुत्तों की समस्या है।
- सभी परिसरों में फेंसिंग (बाड़ निर्माण) सुनिश्चित किया जाए।
- नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे, जो रखरखाव की निगरानी करेंगे।
- पकड़े गए कुत्तों को वापस उसी जगह नहीं छोड़ा जाएगा जहाँ से पकड़ा गया था।
शेल्टर योजना कैसे काम करेगी? | Shelter Management Plan
कोर्ट ने कहा कि सरकार को स्थायी शेल्टर होम बनाने और उनमें भोजन, उपचार, टीकाकरण और नसबंदी की व्यवस्था करनी होगी। इसका उद्देश्य जनसुरक्षा और पशु कल्याण दोनों को संतुलित करना है।
लोगों की प्रतिक्रिया | Public Response
आम लोगों का कहना है कि यह आदेश उन परिवारों के लिए राहत है जिनके बच्चे रोज़ाना स्कूल जाते हैं। वहीं, पशु प्रेमी संगठनों ने कहा कि समाधान मानवीय होना चाहिए और जिम्मेदारी के साथ लागू किया जाए।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
Q1. क्या कुत्तों को मारने का आदेश दिया गया है?
नहीं। कोर्ट ने केवल सुरक्षित शेल्टर में रखने का आदेश दिया है।
Q2. स्कूल और अस्पताल में क्या होगा?
कैंपस के चारों ओर बाड़ लगाई जाएगी और कुत्तों की एंट्री रोकी जाएगी।
Q3. आगे क्या होगा?
सभी राज्यों को 3 सप्ताह में रिपोर्ट जमा करनी होगी। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
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