
Supreme Court ने Online Fraud और Digital Arrest Scam पर CBI और केंद्र से रिपोर्ट मांगी, पूरी न्याय व्यवस्था पर हमला बताया

मुख्य बातें (Highlights)
- सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी को लेकर केंद्र और CBI से जवाब मांगा।
- हरियाणा के अंबाला में 73 साल के बुजुर्ग दंपती से ₹1.05 करोड़ की ठगी का मामला उजागर।
- ठगों ने फेक कोर्ट ऑर्डर, नकली साइन और लोगो के जरिए खुद को एजेंसी अधिकारी बताया।
- कोर्ट ने कहा— यह पूरी न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है, अब राष्ट्रीय स्तर पर जांच जरूरी।
Supreme Court Concerned Over Digital Arrest Scam and Cyber Fraud Cases 2025
देश में तेजी से बढ़ रहे Online Fraud और Digital Arrest Scam के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध केवल आर्थिक ठगी नहीं हैं, बल्कि यह न्याय प्रणाली पर भी सीधा हमला है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और CBI से जवाब तलब किया है और राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
अंबाला के बुजुर्ग दंपती से ₹1.05 करोड़ की ठगी | Ambala Elderly Couple Cheated of ₹1.05 Crore
यह मामला हरियाणा के अंबाला जिले का है, जहां 73 वर्षीय दंपती को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया गया। ठगों ने खुद को CBI और ED अधिकारी बताते हुए दंपती को डराया और फेक कोर्ट ऑर्डर, नकली साइन और लोगो दिखाकर ₹1.05 करोड़ विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवाए।
घटना के बाद पीड़ित महिला ने 21 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के जज बीआर गवई को पत्र लिखकर पूरा मामला बताया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र, CBI और हरियाणा पुलिस को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख | Supreme Court’s Stern View
सुप्रीम कोर्ट की बेंच जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची शामिल थे, ने कहा कि “यह कोई सामान्य अपराध नहीं है। कोर्ट के नाम, मुहर और आदेशों की नकली कॉपी बनाना, न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है।” कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराधों से लोगों के न्याय पर भरोसे को चोट पहुंच रही है।
देशभर में बढ़ रहा डिजिटल अरेस्ट नेटवर्क | Growing Digital Arrest Network in India
कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे अपराध अब देशव्यापी नेटवर्क बन चुके हैं। दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा और यूपी में ऐसे कई मामले दर्ज हुए हैं, जहां फर्जी अधिकारी वीडियो कॉल्स और ईमेल्स के जरिए लोगों को फंसाते हैं।
वे फेक कोर्ट ऑर्डर, डिजिटल बैकग्राउंड और नकली पहचान पत्र दिखाकर पीड़ितों को धमकाते हैं। कई मामलों में बुजुर्ग, शिक्षित और उच्च पदस्थ लोग इनका शिकार बने हैं क्योंकि वे कानून का सम्मान करते हुए आदेशों को असली समझ लेते हैं।
दिल्ली पुलिस के आंकड़े चौंकाने वाले | Delhi Police Data on Cyber Crime 2025
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में साइबर अपराधियों ने दिल्लीवासियों से लगभग ₹1,000 करोड़ ठगे हैं। इनमें Investment Scam, Digital Arrest Scam और Boss Scam जैसे मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं।
वर्ष 2024 में जहां 1,100 करोड़ की साइबर ठगी हुई थी, वहीं 2025 में पुलिस और बैंकों ने मिलकर लगभग 20% राशि फ्रीज करने में सफलता पाई है। यह पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी सफलता है।
फर्जी अफसर और अंग्रेजी बोलने वाले स्कैमर | Fake Officers and Fluent English Scammers
साइबर जांच एजेंसियों के मुताबिक, ठग धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं और वीडियो कॉलिंग के दौरान ID कार्ड और एजेंसी के लोगो दिखाते हैं। उनके बैकड्रॉप में कोर्ट रूम या ऑफिस जैसा माहौल होता है। इस वजह से पीड़ित आसानी से भ्रमित हो जाते हैं।
एक अधिकारी के अनुसार, “इन ठगों का टारगेट अधिकतर पढ़े-लिखे और रिटायर्ड लोग होते हैं। ऐसे लोग कानून पर भरोसा करते हैं और सोचते हैं कि यह असली अधिकारी हैं।”
केंद्र और CBI से सुप्रीम कोर्ट का सवाल | Supreme Court Questions Centre & CBI
कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले में सहायता मांगी और हरियाणा पुलिस व अंबाला साइबर यूनिट को निर्देश दिया कि वे पूरी जांच रिपोर्ट पेश करें। साथ ही केंद्र सरकार और CBI से यह बताने को कहा कि डिजिटल ठगी रोकने के लिए कौन-से प्रिवेंटिव मेकेनिज्म बनाए गए हैं।
साइबर पुलिस की अपील | Cyber Police Appeal to Citizens
दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट के DCP विनीत कुमार ने कहा, “जैसे ही किसी को साइबर फ्रॉड का पता चले, तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।” उन्होंने बताया कि अगर शिकायत तुरंत दर्ज की जाती है तो बैंक खातों में पैसे फ्रीज करवाए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 24x7 साइबर हेल्पलाइन शुरू की है जिसमें 24 फोन लाइनें सक्रिय हैं। इनसे कोई भी व्यक्ति तुरंत सहायता पा सकता है।
लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए | Safety Tips to Avoid Cyber Scams
- किसी भी फोन कॉल या वीडियो कॉल पर खुद को CBI/ED अधिकारी बताने वाले पर भरोसा न करें। - किसी भी प्रकार के कोर्ट ऑर्डर या दस्तावेज को सत्यापन के बिना मान्य न करें। - संदेहास्पद स्थिति में तुरंत 1930 या 112 पर शिकायत करें। - सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर भेजे गए लिंक या पेमेंट रिक्वेस्ट पर क्लिक न करें।
FAQs – Online Fraud और Digital Arrest Scam से जुड़े सवाल
डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?
डिजिटल अरेस्ट में ठग खुद को जांच एजेंसी बताकर वीडियो कॉल पर व्यक्ति को धमकाते हैं और पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर करते हैं।
ऐसे अपराधों में सबसे ज्यादा कौन फंस रहा है?
ज्यादातर पढ़े-लिखे, रिटायर्ड और उच्च पदस्थ लोग इन ठगी का शिकार हो रहे हैं क्योंकि वे कानून पर भरोसा करते हैं।
अगर कोई डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाए तो क्या करें?
तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करें और बैंक को सूचित करें ताकि ट्रांजैक्शन फ्रीज हो सके।
क्या सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए हैं?
जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने CBI, केंद्र सरकार और हरियाणा पुलिस को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।




