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Sheikh Hasina: जानिए कौन है शेख हसीना और भारत से क्या हैं, संबंध

शेख हसीना
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शेख हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनीतिक करियर अब एक नए मोड़ पर है। सैन्य तख्तापलट के बाद उनकी सरकार गिर गई है और वे भारत में शरण लिए हुए हैं।

शेख हसीना: बांग्लादेश की 'लौह महिला' का राजनीतिक सफर

शेख हसीना बांग्लादेश की राजनीति में एक प्रमुख और प्रभावशाली चेहरा रही हैं, जिन्होंने लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी होने के नाते, उनका राजनीतिक जीवन बांग्लादेश की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संघर्षों से गहराई से जुड़ा रहा है। अपने समर्थकों के लिए 'आयरन लेडी' और आलोचकों के लिए 'निरंकुश' कही जाने वाली हसीना ने अपने राजनीतिक कौशल और प्रतिबद्धता के साथ बांग्लादेश के आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और कूटनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

राजनीतिक करियर की शुरुआत और सत्ता में वापसी

शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को बांग्लादेश के गोपालगंज के तुंगीपाड़ा में हुआ था। कॉलेज के दिनों से ही वे छात्र राजनीति में सक्रिय थीं। 1975 में उनके पिता और परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या के बाद, हसीना लगभग छह साल तक नई दिल्ली, भारत में निर्वासन में रहीं। उन्हें जियाउर रहमान की सैन्य सरकार ने बांग्लादेश में प्रवेश करने से रोक दिया था। 1981 में आवामी लीग की अध्यक्ष चुने जाने के बाद, हसीना 17 मई 1981 को बांग्लादेश लौटीं, जहाँ हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। 1996 में वे पहली बार देश की प्रधानमंत्री बनीं और फिर 2009 से अगस्त 2024 तक लगातार सत्ता में रहीं, जो उन्हें बांग्लादेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधानमंत्री बनाता है।

आर्थिक उपलब्धियां और आलोचनाएं

हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने आर्थिक मोर्चे पर काफी प्रगति की। उनके कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था की सालाना औसत वृद्धि दर 6.25 प्रतिशत रही, और गरीबी दर में उल्लेखनीय कमी आई। बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भी भारत से अधिक हो गई थी, और देश दुनिया की 30 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया था। हालांकि, उनकी सरकार पर विपक्षी दलों को कुचलने, राजनीतिक सभाओं पर रोक लगाने और मीडिया पर सख्त नियंत्रण रखने के आरोप भी लगते रहे हैं। हाल ही में, 2024 में हिंसक विरोध प्रदर्शनों और एक सैन्य तख्तापलट के बाद उनकी सरकार समाप्त हो गई।

वर्तमान स्थिति और भारत से संबंध

अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद शेख हसीना भारत में शरण लेने पहुंचीं। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उनका विमान उतरा, जहाँ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की। भारत और बांग्लादेश के बीच हमेशा से ही मजबूत रणनीतिक संबंध रहे हैं, खासकर शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान। उन्होंने भारत विरोधी उग्रवादी संगठनों पर नकेल कसने में मदद की और भारत को ट्रांजिट अधिकार भी दिए, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में माल की आवाजाही आसान हुई।

हालिया घटनाक्रमों के बाद, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अप्रैल 2026 में आम चुनाव कराने की घोषणा की है। इस बीच, शेख हसीना को अदालत की अवमानना के एक मामले में 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई गई है। उनकी पार्टी आवामी लीग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे उनके भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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