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SC verdict on Demonetisation: नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी, केंद्र सरकार का फैसला सही था - सुप्रीम कोर्ट

SC verdict on Demonetisation
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SC verdict on Demonetisation

SC verdict on Demonetisation: 2016 में केंद्र सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है.

SC verdict on Demonetisation: केंद्र सरकार द्वारा 2016 में 500 एवं 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा गया है. सोमवार 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओ पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है. सुको के मुताबिक़, केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी का लिया गया फैसला सही था. साथ ही नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी.

बता दें केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दायर की गई थी. जिसकी सुनवाई करते हुए जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने कहा की आर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता है.

इससे पहले संवैधानिक बेंच द्वारा पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रखा गया था. फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में जस्टिस अब्दुल जाणीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल रहें.

नोटबंदी का फैसला सही था- सुको

केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही फैसला बताया है. सुको ने 2016 में 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है.

नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी - सुको

सुको ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि, नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था. सुको का मानना है कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गयी प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी. इसलिए, उस अधिसूचना को रद्द करने की कोई जरुरत नहीं है.

जानिए केंद्र और आरबीआई की दलील

केंद्र सरकार ने क्या कहा?

केंद्र सरकार ने याचिकाओं के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जाली नोटों, बेहिसाब धन और आतंकवाद जैसी गतिविधियों से लड़ने के लिए नोटबंदी एक अहम कदम था. नोटबंदी को अन्य सभी संबंधित आर्थिक नीतिगत उपायों से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए या इसकी जांच नहीं की जानी चाहिए. आर्थिक व्यवस्था को पहुंचे बहुत बड़े लाभ और लोगों को एक बार हुई तकलीफ की तुलना नहीं की जा सकती. नोटबंदी ने नकली करंसी को सिस्टम से काफी हद तक बाहर कर दिया. नोटबंदी से डिजिटल अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा है.

आरबीआई ने क्या-क्या कहा?

  • केंद्र से सिफारिश करने के लिए आरबीआई अधिनियम के तहत प्रक्रिया का पालन किया गया. आरबीआई की केंद्रीय बोर्ड की बैठक में निर्धारित कोरम पूरा किया गया था, जिसने सिफारिश करने का फैसला किया गया था.
  • लोगों को कई मौके दिए गए, पैसों को बदलने के लिए बड़े स्तर पर व्यवस्था की गई थी.

2016 में हुई थी नोटबंदी

केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक देश में नोटबंदी लागू की दी. इसके तहत 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. इस फैसले के बाद पूरे देश को नोट बदलवाने के लिए लाइनों में लगना पड़ा था. नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिस पर 2 जनवरी यानी आज सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आना है.

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