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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- वर्ण और जाति व्यवस्था गुजरे ज़माने की बात है, अब इसे भुला दिया जाए

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- वर्ण और जाति व्यवस्था गुजरे ज़माने की बात है, अब इसे भुला दिया जाए
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Mohan Bhagwat On Caste System: मोहन भागवत ने कहा कि सामाजिक समानता ही भारतीय परंपरा का हिस्सा है

RSS chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश के हित में अब वर्ण और जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि -

'वर्ण और जाति के विचार को भुलाया जाना चाहिए. यदि आजकल कोई इस बारे में पूछता है तो समाज के हित में सोचने वाले लोगों को कहना चाहिए कि वर्ण और जाति व्यवस्था गुजरे जमाने की बात हो गई है और इसे भुलाया जाना चाहिए.'

RSS प्रामुह ने डॉ मदन कुलकर्णी और डॉ रेणुका बोकरे की किताब 'वज्रसुची तुंक' के बारे में बताते हुए कहा कि सामाजिक समानता ही भारतीय परंपरा का हिस्सा थी. लेकिन इसे भुला दिया गया और इसके हानिकारक नतीजे सामने आए. उन्हीने कहा भेदभाव के जो भी कारण हैं उन्हें खत्म कर दिया जाना चाहिए। पिछली पीडियों ने कई गलतियां की हैं लेकिन भारत इसमें अपवाद नहीं है.

मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था पर क्या कहा

RSS चीफ भागवत ने कहा कि 'उन गलतियों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. और अगर आपको लगता है कि हमारे पूर्वजों ने गलतियां की हैं और वे हीन हो जाएंगे तो ऐसा नहीं होगा क्योंकि सभी के पूर्वजों ने गलतियां की हैं.'

भागवत ने आरक्षण पर भी बयान दिया

उन्होंने कहा कि सरकार को तय करना चाहिए कि किसे और कितने वक़्त के लिए आरक्षण मिलना चाहिए। भारत से वर्ण और जाति व्यवस्था खत्म हो जाएगी तो आरक्षण की जरूरत सिर्फ उन्ही के लिए होगी जिन्हे सचमुच इसकी जरूरत है.

भागवत ने दशहरा के मौके पर भी कहा था कि समाज को ऐसे हिन्दू की जरूरत है जो न डरे और न किसी को डराए। ना RSS चाहता है कि वो किसी अल्पसंख्यक को नुकसान पहुंचाए। अल्पसंख्यकों के अंदर यह डर बैठाया गया है कि उन्हें हिन्दुओं से खतरा है. जबकि ऐसा न कभी अतीत में हुआ और ना भविष्य में होगा।

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