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केदारनाथ मंदिर में 125 करोड़ रुपए का घोटाला! पुजारी ने कहा, सोने की जगह पीतल की दिवार बनवा दी

केदारनाथ मंदिर में 125 करोड़ रुपए का घोटाला! पुजारी ने कहा, सोने की जगह पीतल की दिवार बनवा दी
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Rs 125 crore scam in Kedarnath temple: केदारनाथ मंदिर के वरिष्ठ पुजारी ने यहां 125 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है

Rs 125 crore scam in Kedarnath temple: केदारनाथ मंदिर में 125 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. यहां सोने की दीवारें गोल्ड की नहीं हैं बल्कि इन्हे पीतल से बनाया गया है और सोने की परत चढ़ा दी गई है. यह आरोप केदारनाथ मंदिर के वरिष्ठ पुजारी ने लगाया है. उन्होंने बताया कि एक दानदाता ने मंदिर के गर्भगृह में सोने की दीवारों के लिए दान दिया था लेकिन पीतल की दिवार बनाकर उनपर सोने की परत चढ़ा दी गई है.

पुजारी का कहना है कि- कुछ महीने पहले केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों में सोना चढाने का काम किया गया था. आज जब मैं मंदिर के अंदर गया तो सोना पीतल में बदल गया. सोने की जांच क्यों नहीं हुई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? केदारनाथ में सोने के नामपर ये 125 करोड़ रुपए का घोटाला है. ये भक्तों की भावनाओं के साथ किया गया खिलवाड़ है.

केदारनाथ में सोना बन गया पीतल

मंदिर के पुजारी संतोष त्रिवेदी ने इस घोटाले के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि मंदिर का सोना पीतल में कैसे बदल गया? उन्होंने श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति पर 125 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया है. BKTC ने पुजारी के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि यह मंदिर को बदनाम करने की साजिश है. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे

BKTC का कहना है कि 2005 में इसी दानदार ने बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह को भी सोने से जड़वाने का काम किया था. लेकिन सोची-समझी साजिश के तहत ऐसे घटिया आरोप लगाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ये व्यवस्थाएं हो पाई हैं. श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तौर पर बढ़ी हैं, खासकर केदारनाथ में. छोटे राजनैतिक तत्वों को ये बात पसंद नहीं आ रही है. ये ही लोग यात्रा को प्रभावित करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं. ये केदारनाथ धाम की छवि खराब करना चाहते हैं."

BKTC ने कहा- दानदाता ने कुल 230 किलोग्राम सोना दान में दिया, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में दीवारों में सोना चढाने का काम किया गया. पीतल की प्लेट्स में सोने की परत चढाने का काम दानदाता ने खुद अपने ज्वलैर्स से करवाया है. उन्होंने खुद सोना खरीदा और अपने लोगों से ही उसे गर्भगृह में लगवाया।



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