राष्ट्रीय

Rohingya Refugees: कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम? नूंह हिंसा मामले में रोहिंग्याओं के 200 से अधिक झुग्गियों को प्रशासन ने जमींदोज किया

Rohingya Refugees: कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम? नूंह हिंसा मामले में रोहिंग्याओं के 200 से अधिक झुग्गियों को प्रशासन ने जमींदोज किया
x

भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40,000 से अधिक है. 

Rohingya Refugees / Who are Rohingya Muslims: हरियाणा के मेवात-नूंह में हुए दंगों के बाद अब एक्शन शुरू हो गया है. प्रशासन ने रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के कब्जों पर बुलडोजर चलाया है.

Rohingya Refugees / Who are Rohingya Muslims: हरियाणा के मेवात-नूंह में हुए दंगों (Mewat-Nuh Riots) के बाद अब एक्शन शुरू हो गया है. प्रशासन ने रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के कब्जों पर बुलडोजर चलाया है. हरियाणा में हुई हिंसा और दंगों की जांच में रोहिंग्याओं (Rohingyas) और अवैध घुसपैठियों (Illegal Infiltrators) के शामिल होने की जानकारी मिली है. ऐसे में पुलिस और प्रशासन ने करीब 4 घंटे में बुलडोजर चलाते हुए रोहिंग्याओं के अवैध कब्जे वाले 200 से अधिक झुग्गियों को जमींदोज कर दिया है.

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के काफी लोग अवैध तरीके से हरियाणा सरकार की शहरी विकास प्राधिकरण की तावडू इलाके की जमीन में कब्जा करके रहें थे और 31 जुलाई को हुई हिंसा की शुरूआती जांच में इनके शामिल होने सबूत पाए गए हैं. कई युवकों के खिलाफ एफआईआर भी है.

कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम?

Who are Rohingya Muslims / History of Rohingya Refugees: रोहिंग्या, मुसलामानों का एक समुदाय है. इनकी बड़ी आबादी म्यांमार के रखाइन प्रान्त (Rakhine State, Myanmar) में रहती है. लेकिन दशकों से म्यांमार में इन्हे भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. जिस वजह से वे वहां से निकलकर अन्य देशों में शरण ले रहें हैं, साथ ही अवैध तरीके से घुसपैठ भी कर रहें हैं.

भारत में भी कई जगहों पर रोहिंग्याओं ने अवैध घुसपैठ किया है. वे कई वर्षों से भारत में रह रहें हैं. रोहिंग्या मुसलामानों का दावा है कि वे म्यांमार के मुस्लिमों के ही वंशज हैं, लेकिन म्यांमार में बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उनके साथ भेदभाव और अत्याचार किया जाता है.

हालांकि अंग्रेजी शासनकाल के दौरान बांग्लादेश से इनके म्यांमार आकर बसने का भी दावा किया जाता है. इधर, म्यांमार की सीमा से सटा बांग्लादेश भी रोहिंग्याओं के समुदाय को अपना नहीं मानता है. इस वजह से इन्हे किसी भी देश की नागरिकता नहीं मिल सकी है. रोहिंग्याओं में मुसलामानों के अलावा कुछ हिन्दू भी हैं, जो अल्पसंख्यक हैं. ये रोहिंग्या भाषा बोलते हैं. युनाइटेड नेशंज़ के मुताबिक़ रोहिंग्या लोग (Rohingya People) दुनिया के सब से उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समूहों में से एक है.

बड़े पैमाने पर हुआ रोहिंग्याओं का पलायन

वर्ष 2012 में म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा भड़क उठी, इस दौरान सैकड़ों रोहिंग्या मुसलामानों की हत्या कर दी गई. म्यांमार सरकार, सेना और देश की बहुसंख्यक बौद्ध आबादी पर रोहिंग्याओं के शोषण और उनपर भेदभाव के साथ उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया गया. जान बचाने के लिए रोहिंग्या मुस्लिम बड़े पैमाने पर सीमा से सटे देशों में पलायन करने लगे.

आंकड़े देखे जाएं तो रोहिंग्याओं की करीब 7 लाख की आबादी ने अपनी जान बचाने के लिए म्यांमार से पलायन किया. कई थाईलैंड चले गए. अधिकाँश रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में घुसपैठ कर दी, बांग्लादेश के रास्ते हजारों रोहिंग्या भारत में अवैध तरीके से घुस गए, और यहीं आम नागरिकों के बीच रहने लगे.

भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या कितनी है

Number of Rohingya Muslims in India: भारत में करीब 16,000 UNHCR- सर्टिफाइड रोहिंग्या शरणार्थी हैं. लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही हैं. जिनके अनुसार, भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40,000 से अधिक है. देश के कई हिस्सों में ये रहते हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान समेत कई राज्य शामिल हैं.

रोहिंग्याओं को लेकर क्या है भारत सरकार का रुख

केंद्र और कई राज्यों में भाजपा की सरकार है. केंद्र रोहिंग्या प्रवासियों के अवैध घुसपैठ के खिलाफ हमेशा सख्त रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह भाजपा के लिए एक बड़ा मुद्दा भी रह चुका है. भाजपा ने भारत में रोहिंग्याओं की मौजूदगी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था.

Next Story