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Reservation in Promotion: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SC-ST के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कहा ये, जानिए!

Reservation in Promotion: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SC-ST के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कहा ये, जानिए!
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Reservation in Promotion: सुप्रीम कोर्ट ने एसी-एसटी आरक्षण में फैसला सुनाया है.

Reservation in Promotion: एससी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण की शर्तो को कंम करने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने से पहले क्वॉन्टेटिव डेटा जुटाने करने के लिए बाध्य है। दरअसल शुक्रवार को सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने के मुद्दे पर यह फैसला सुनाया है।

तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाया फैसला

प्रमोशन में आरक्षण मुद्दे पर जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया है। खबरों के तहत इससे पहले जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के बाद 26 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

कोर्ट ने कंहा...

सुप्रीम कोर्ट ने इसके पैमाने तय करने में दखलंदाजी से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, यह राज्यों को करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें रिजर्वेशन तय करने से पहले इसका डेटा इकट्ठा करें। अदालत ने कहा कि सरकारें समय-समय पर यह समीक्षा भी करें कि एससी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण में सही प्रतिनिधित्व मिला है या नहीं। इस रिव्यू के लिए एक अवधि भी तय करनी चाहिए।

सरकार की रही यह दलील

केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि ये सच है कि आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया जा सका है।

सरकार की तरफ से दायर थी याचिका

केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी कि प्रमोशन में आरक्षण मामलों पर तत्काल सुनवाई की जाए। याचिकाकर्ता के मुताबिक कोर्ट में लंबित मामले की वजह से देश भर में लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी हुई हैं। राज्यों की तरफ से कोर्ट में ये दलील दी गई थी कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए प्रमोशन हुआ था लेकिन 2017 से ही देश भर में आरक्षित पदों पर प्रोमोशन की प्रक्रिया रुकी हुई है।

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