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मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का निधन, संगीत जगत में शोक

News Desk
26 April 2021 10:42 AM GMT
मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का निधन, संगीत जगत में शोक
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नई दिल्ली। पद्मभूषण शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में रविवार को हो गया है। प्रख्यात शास्त्रीय गायक के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पारिवारिक लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में उन्हें हार्ट अटैक आया जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि राजन मिश्र के कोरोना संक्रमित होने की खबरें सामने आई थीं लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।

नई दिल्ली। पद्मभूषण शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में रविवार को हो गया है। प्रख्यात शास्त्रीय गायक के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पारिवारिक लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में उन्हें हार्ट अटैक आया जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि राजन मिश्र के कोरोना संक्रमित होने की खबरें सामने आई थीं लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।

कला जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति

शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र के निधन पर लता मंगेशकर सहित संगीत जगत की कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित राजन मिश्र के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया तथा कहा कि शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले राजन मिश्र के निधन से दुख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े श्री मिश्र का जाना कला एवं संगीत जगत के लिये अपूर्णनीय क्षति है।

पद्मभूषण सम्मान मिला

आपको बता दें कि वर्ष 2007 में पंडित राजन मिश्र को कला के क्षेत्र में पद्मभूषण सम्मान प्रदान कर भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित किया था। राजन मिश्र एवं उनके भाई साजन मिश्र ख्याल शैली के गायन के लिए मशहूर थे। इस जोड़ी को भारत सरकार ने 1971 में संस्कृत अवार्ड प्रदान किया था। फिर 1994-95 में गंधर्व सम्मान दिया गया। 1998 में संगीत नाटक अकादमी एवं 14 दिसंबर 2012 को राष्टीय तानसेन सम्मान दिया गया।

पिता और दादा से ली संगीता शिक्षा

पंडित राजन मिश्र का जन्म 1951 में हुआ। उन्होंने संगीत की शिक्षा अपने दादा पंडित बड़े रामजी मिश्र एवं पिता पंडित हनुमान मिश्र से संगीत की शुरूआती शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह दिल्ली चले गये। उन्होंने अपने भाई मिश्र के साथ 400 साल पुराने बनानस घराने की परम्परा को आगे बढ़ाया। दोनों ने श्रीलंका, स्विटजरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर, ब्रिटेन, नीदरलैंड सहित कई अन्य देशों में संगीत कला का प्रदर्शन करने गए।

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