
रेलवे इमरजेंसी कोटा नियम बदले: अब 1 दिन पहले करना होगा आवेदन, जानें नए नियम

भारतीय रेलवे की पटरी पर खड़ी एक ट्रेन.
रेलवे इमरजेंसी कोटा नियम में बड़ा बदलाव: भारतीय रेलवे ने इमरजेंसी कोटा (EQ) में टिकट बुकिंग के नियमों में अहम बदलाव किए हैं. यह नया नियम बुधवार, 23 जुलाई 2025 से लागू हो गया है. अब यात्रियों को इमरजेंसी टिकट के लिए यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले ही आवेदन करना होगा. यात्रा के दिन किए गए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे. रेलवे बोर्ड का कहना है कि यह बदलाव रिजर्वेशन चार्ट बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाने और टिकटों की कालाबाजारी को रोकने के लिए किया गया है. इससे वास्तविक ज़रूरतमंद यात्रियों को फायदा होगा और बुकिंग प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी.
इमरजेंसी कोटा नियमों में क्या-क्या हैं मुख्य बदलाव?
सुबह की ट्रेनों के लिए: जिन ट्रेनों की यात्रा सुबह 12 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच है, उनके लिए इमरजेंसी कोटा का आवेदन यात्रा से एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक करना अनिवार्य होगा.
शाम की ट्रेनों के लिए: जिन ट्रेनों की यात्रा दोपहर 2:01 बजे से रात 11:59 बजे तक है, उनके लिए आवेदन यात्रा से एक दिन पहले शाम 4 बजे से पहले भेजना अनिवार्य होगा.
छुट्टियों के दिनों में यात्रा: अगर कोई ट्रेन रविवार या किसी सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन चलती है, तो उसके लिए इमरजेंसी कोटा का आवेदन पिछले कार्यदिवस के कार्यालय समय में ही देना होगा. उदाहरण के लिए, रविवार की ट्रेनों के लिए आवेदन शुक्रवार तक और छुट्टी वाले दिन की ट्रेनों के लिए छुट्टी से पिछले कार्यदिवस तक आवेदन करना होगा.
इमरजेंसी कोटा क्या है और किसे मिलता है फायदा?
इमरजेंसी कोटा क्या होता है? इमरजेंसी कोटा भारतीय रेलवे की एक विशेष व्यवस्था है, जिसे आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रा करने वाले यात्रियों को कंफर्म टिकट उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है. यह कोटा आमतौर पर कुछ विशेष श्रेणियों के यात्रियों के लिए आरक्षित होता है, जैसे:
- सरकारी अधिकारी और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी
- वरिष्ठ नागरिक जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हों
- मेडिकल इमरजेंसी वाले मरीज और उनके साथ के लोग
- दिव्यांगजन
- अन्य विशेष परिस्थितियों वाले यात्री
रेलवे का मानना है कि इन बदलावों से वास्तविक ज़रूरतमंद यात्रियों को ही फायदा मिलेगा और इस कोटे के तहत होने वाली किसी भी प्रकार की धांधली पर रोक लगेगी, जिससे बुकिंग प्रक्रिया अधिक तेज और न्यायसंगत बनेगी.
रेलवे ने पिछले दो महीनों में किए हैं तीन बड़े बदलाव
भारतीय रेलवे लगातार अपनी सेवाओं में सुधार और नियमों में बदलाव कर रहा है. पिछले दो महीनों में रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तीन बड़े बदलाव किए हैं:
1. ट्रेन निकलने से 8 घंटे पहले कंफर्म होगा टिकट
यह नियम 1 जुलाई, 2025 से कुछ खास ट्रेनों में शुरू किया गया है. इसके तहत, ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट अब ट्रेन खुलने से 8 घंटे पहले तैयार किया जाएगा. पहले यह चार्ट सिर्फ 4 घंटे पहले बनता था. इससे यात्रियों को यह जानने के लिए ज्यादा समय मिलेगा कि उनका टिकट कंफर्म हुआ है या नहीं. अगर टिकट कंफर्म नहीं होता है, तो उनके पास वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था करने या दूसरा टिकट बुक करने के लिए पर्याप्त समय होगा, जिससे आखिरी मिनट की परेशानी से बचा जा सके.
2. तत्काल टिकट के लिए आधार अनिवार्य
1 जुलाई, 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर आधार ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) जरूरी कर दिया गया है. इसके अलावा, 15 जुलाई से ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार नंबर से जुड़ा ओटीपी (OTP) भी अनिवार्य कर दिया गया है. यह कदम तत्काल टिकटों की कालाबाजारी रोकने और वास्तविक यात्रियों तक टिकट पहुंचाने के लिए उठाया गया है. साथ ही, पहले 30 मिनट तक एजेंट्स को AC और नॉन-AC दोनों क्लास के लिए तत्काल टिकट बुक करने की इजाजत नहीं है, जिससे आम यात्रियों को पहले मौका मिल सके.
3. वेटिंग टिकट पर स्लीपर-AC कोच में सफर नहीं
भारतीय रेलवे ने 1 मई, 2025 से वेटिंग टिकट के लिए भी नए नियम लागू किए हैं. इन नियमों के अनुसार, वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को अब स्लीपर या AC कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. जिन यात्रियों के टिकट वेटिंग लिस्ट में हैं, वे अब सिर्फ जनरल कोच में ही सफर कर सकेंगे. अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट पर AC या स्लीपर कोच में यात्रा करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा.
वेटिंग टिकट पर पकड़े जाने पर क्या होगा?
वेटिंग टिकट पर सफर करने के क्या नुकसान हैं? यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट पर स्लीपर या AC कोच में यात्रा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी:
जुर्माना: TTE (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) पहले आपसे जुर्माने की राशि वसूल करेगा. AC कोच के लिए यह जुर्माना ₹440 और स्लीपर कोच के लिए ₹250 है.
रेलवे पुलिस के हवाले: यदि आप जुर्माना भरने से इनकार करते हैं, तो TTE आपको RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के हवाले कर सकता है.
ट्रेन से उतारना: RPF आपको अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार सकती है.
कानूनी कार्रवाई: RPF आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है, जिसके बाद आपको कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है.
कोर्ट का फैसला: कोर्ट जुर्माने की सजा, जेल की सजा, या दोनों की सजा सुना सकता है.




