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राहुल गांधी का 'झूठ': अरुण जेटली की मौत के बाद भी उन पर लगाया आरोप, BJP ने मांगी माफी

Rahul Gandhi
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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों का विरोध करने पर धमकाया था. जबकि जेटली का निधन कानून बनने से एक साल पहले हुआ था. भाजपा ने राहुल से माफी की मांग की है.

राहुल गांधी का 'चौंकाने वाला' आरोप: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर से अपने बयानों के कारण विवादों में घिर गए हैं. शनिवार को उन्होंने दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली पर एक चौंकाने वाला आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने उन्हें धमकाने के लिए अरुण जेटली को भेजा था, ताकि वे कृषि कानूनों का विरोध करना बंद कर दें. उन्होंने यह बात दिल्ली में आयोजित एनुअल लीगल कॉन्क्लेव-2025 में एक भाषण के दौरान कही.

राहुल गांधी ने जेटली के साथ हुई एक कथित बातचीत का वर्णन करते हुए कहा, "मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था. उन्होंने मुझसे कहा था, 'अगर आप सरकार का विरोध जारी रखते हैं, कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहते हैं, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी.' मैंने उनकी ओर देखा और कहा, 'मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं'."

भाजपा ने आरोपों को बताया 'झूठ': अनुराग ठाकुर ने दी तारीखों की याद

अरुण जेटली का निधन कब हुआ था? राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और इसे "एक नया झूठ" करार दिया. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को कृषि कानूनों की टाइमलाइन (समय-सीमा) याद दिलाई और उनसे माफी मांगने की मांग की. अनुराग ठाकुर ने कहा कि अरुण जेटली का निधन इन कानूनों के संसद में पेश होने से करीब एक साल पहले ही हो चुका था.

अनुराग ठाकुर ने ANI को बताया, "राहुल गांधी हर दिन एक नया झूठ और एक नया प्रोपगैंडा लेकर आते हैं... मैं राहुल गांधी को याद दिलाना चाहता हूं कि अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हुआ था और कृषि कानून 17 सितंबर 2020 और 20 सितंबर 2020 को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में पारित किए गए थे... जब यह बिल आया, तब अरुण जेटली जी का निधन हो चुका था. राहुल गांधी को अरुण जेटली के परिवार, भाजपा और पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए."

अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली का पलटवार: 'राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं'

अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने राहुल गांधी पर क्या कहा? दिवंगत भाजपा नेता के बेटे रोहन जेटली ने भी राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं. रोहन जेटली ने कहा कि उनके पिता एक "कट्टर लोकतंत्रवादी" थे जो आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे. उन्होंने राहुल गांधी से उन लोगों के बारे में बोलते समय सावधान रहने का आग्रह किया जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. रोहन जेटली ने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर के साथ भी ऐसा ही कुछ किया था, जो बेहद खराब था. उन्होंने राहुल गांधी से दिवंगत आत्माओं को शांति से रहने देने की अपील की.

अरुण जेटली कौन थे? मोदी सरकार में अहम भूमिका

अरुण जेटली का राजनीतिक करियर कैसा रहा? अरुण जेटली का निधन अगस्त 2019 में एक लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स में हुआ था. वह मोदी 1.0 सरकार के एक प्रमुख सदस्य थे, जिस दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद संभाले. वे 26 मई 2014 से 9 नवंबर 2014 और 13 मार्च 2017 से 3 सितंबर 2017 तक रक्षा मंत्री रहे, और 2014 से 2019 तक वित्त मंत्री के पद पर रहे. वह 2009 से 2014 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी थे. वाजपेयी सरकार के दौरान, उन्होंने वाणिज्य और उद्योग और कानून और न्याय मंत्रालय भी संभाला था. मोदी सरकार के दौरान, उन्होंने GST, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड और बैंकिंग सेक्टर सुधारों जैसे प्रमुख आर्थिक सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

क्या थे तीन कृषि कानून? क्यों हुआ था विरोध?

तीन कृषि कानून क्या थे? केंद्र सरकार ने जून 2020 में तीन कृषि कानून लाए थे:

  • कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020
  • कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020

इन कानूनों का देशभर में भारी विरोध हुआ था, खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे. आखिरकार, नवंबर 2021 में इन कानूनों को वापस ले लिया गया था.

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