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चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, राहुल गांधी साक्षी बनें

चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, राहुल गांधी साक्षी बनें
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पंजाब के नए दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को शपथ ग्रहण किया. समारोह में राहुल गांधी भी शामिल रहें.

कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के इस्तीफे के बाद कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब का नया मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) का बनाया है. वे आज सोमवार को सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. इस दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी मौजूद रहें. राज्यपाल ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई है.

चन्नी दलित समुदाय के नेता भी हैं और कांग्रेस ने पंजाब के 32% दलितों को चुनाव में साधने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया है. हांलाकि हरीश रावत ने पंजाब का विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ने का ट्वीट करके विवाद खड़ा कर दिया है. चरणजीत सिंह चन्नी के साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.

सिद्धू समर्थकों की मांग थी कि सीएम सिख होना चाहिए इसे देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को सीएम की कमान सौंपने का फैंसला लिया है. उन्हें विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है. हरीश रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणा की है. हांलाकि नवजोत सिंह सिद्धू खुद और उनके समर्थक उन्हें सीएम की कुर्सी में देखने की पूरी जुगत में लगे हुए थे. लेकिन वे सफल नहीं हो पाए.



माना जा रहा है कि नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) का शपथ ग्रहण भी जल्द ही हो सकता है. सोमवार से श्राद्ध पक्ष शुरू हो सकता है इसके चलते आज ही शपथ ग्रहण हो सकता है. चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल से मिलने का भी समय मांगा है. कुछ ही देर में राज्यपाल से उनकी मुलाक़ात होगी. इसके पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम तेजी से सीएम पद के लिए चल रहा था. रंधावा को बधाई देने के लिए उनके समर्थक और विधायक उनके निवास पर पहुंच गए थें.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सीएम पद के लिए अंबिका सोनी के सामने प्रस्ताव रखा गया था. लेकिन उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया है. अंबिका अभी पंजाब राजयसभा से सांसद हैं. बताया जा रहा है उन्होंने ऑफर ठुकराने के पीछे स्वास्थ्य का हवाला दिया है. साथ ही वे चाहती हैं कि सीएम कोई सिख ही हो.

वहीं, सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिद्धू ने भी अब उन्हें CM बनाने का दावा ठोक दिया है. जिस वजह से पेंच ज्यादा फंस गया है. उनके अलावा पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ भी दौड़ में बने हुए हैं. इसके बाद सिद्धू और जाखड़ के हक में विधायकों की लामबंदी शुरू हो गई है. कुछ नेता जाखड़ के घर पहुंचे हैं तो कुछ विधायकों की सिद्धू के करीबी सुखजिंदर रंधावा के घर बैठक शुरू हो गई है. सीएम पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील जाखड़ के अलावा सुखविंदर सिंह रंधावा भी दौड़ में बने हुए हैं.

इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की जीत हुई है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab CM Captain Amarinder Singh) ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद का इस्तीफ़ा राजयपाल को सौंप दिया है. कांग्रेस (Congress) हाईकमान ने अमरिंदर से इस्तीफा की मांग की थी. इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने शाम 5 बजे होने वाली विधायक दल की बैठक में विधायकों को अपना नेता चुनने का आदेश जारी किया गया था. इससे पहले ही अमरिंदर ने इस्तीफा दे दिया.

जिसे चाहे उसे सीएम बनाए कांग्रेस

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, मैं काफी अपमानित महसूस कर रहा हूं. अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है, अब कांग्रेस आलाकमान आजाद है, जिसे चाहे उसे सीएम बनाए.

अभी कांग्रेस में ही हूं, वक़्त आने पर फैंसला लूंगा

उन्होंने आगे कहा की, मैं अभी कांग्रेस में ही हूं, समर्थकों से बात करूंगा और वक़्त आने पर ही कोई फैंसला लूंगा. मुझे दो माह में तीन बार दिल्ली बुलाया गया. इसे लेकर मैं खुद को काफी अपमानित महसूस कर रहा हूं.

पंजाब में लम्बे समय से चल रहे कांग्रेस खेमे के नवजोत सिंह सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Navjot Singh Sidhu Vs Captain Amarinder Singh) घमासान का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया था. इसे लेकर कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांग लिया. इस बात का पता चलते ही अमरिंदर ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें पद से हटाया जाता है तो पार्टी छोड़ देंगे. कैप्टन ने आज ही पूरी कलह को ख़त्म करने की बात कही है. उन्होंने यह संदेश आलाकमान तक पहुंचाने की बात कही थी.

क्या इस्तीफ़ा देंगे कैप्टेन?

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार मुहम्मद मुस्तफा ने साढ़े 4 साल बाद कांग्रेसी CM चुनने के मौके का बड़ा बयान दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या वाकई में अमरिंदर पंजाब के कैप्टन नहीं रहेंगे? क्या वे सम्मानजनक विदाई के लिए इस्तीफा दे देंगे या फिर शाम को होने वाली बैठक में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का सामना उन्हें करना पड़ेगा?

अकेले पड़े कैप्टन

बताया जा रहा है की कैप्टन ने करीब 2 बजे अपने खेमे की बैठक बुलाई थी. इससे पहले ही उनके खेमे के विधायक भी उनसे किनारा करने लगे हैं. जिसके बाद बैठक रद्द कर दी गई. इसके बाद ऐसा लग रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अकेले पड़ गए हैं.

40 विधायकों की चिट्ठी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने लिया फैसला

इससे पहले कैप्टन से नाखुश 40 विधायकों की चिट्ठी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा फैसला लिया. हाईकमान ने आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में विधायक दल की बैठक बुला ली. पहले पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. जिसके बाद रावत ने शुक्रवार आधी रात को सोशल मीडिया पर विधायक दल की मीटिंग के बारे में जानकारी दी है. इस मीटिंग में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद रहेंगे और पूरी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेजेंगे.

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