
'लव यू शाह जी' कहने वाली पुंछ की जसकिरण कौर अमित शाह से मिलीं, बयां किया दर्द, मांगीं बंकर और मेडिकल सुविधाएं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद, "हमारे यहां उनको (गृह मंत्री अमित शाह) चाहने वाले काफी हैं... उनकी झलक पाने के लिए सुबह से इंतजार कर रहे थे," जैसे सीधे और सरल शब्दों से सोशल मीडिया पर छाईं पुंछ निवासी जसकिरण कौर ने शुक्रवार, 30 मई, 2025 को गृह मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। यह मुलाकात अमित शाह के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी से प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान पुंछ में हुई। जसकिरण ने इस मौके पर न केवल गृह मंत्री के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया बल्कि सीमा पर रहने वाले लोगों की गंभीर समस्याओं और उनकी तत्काल जरूरतों को भी साहसपूर्वक उनके सामने रखा।
अमित शाह का पुंछ दौरा: नुकसान का जायजा और राहत का आश्वासन
'ऑपरेशन सिंदूर' के प्रतिशोध में पाकिस्तान द्वारा 7-8 मई को की गई भारी गोलाबारी से जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में काफी नुकसान हुआ था। इसी स्थिति का जायजा लेने और पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए गृह मंत्री अमित शाह अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दूसरे दिन, शुक्रवार 30 मई को, पुंछ पहुंचे थे। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। शाह ने सीमापार से हुए हमलों में क्षतिग्रस्त हुए घरों और अन्य स्थलों का दौरा किया, प्रभावित परिवारों से मिलकर उनके हाल-चाल जाने और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि पाकिस्तान की ओर से हुए हमलों के कारण घरों और संस्थानों को जो भी नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई के लिए भारत सरकार शीघ्र ही एक व्यापक राहत पैकेज उपलब्ध करवाएगी। इस दौरे के दौरान उन्होंने कई पीड़ित परिवारों को मौके पर ही नियुक्ति पत्र भी सौंपे। जसकिरण कौर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि गृह मंत्री शाह पुंछ के गीताभवन गुरुद्वारा में आ रहे हैं, तो वह और कई अन्य स्थानीय लोग सुबह से ही उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
जसकिरण ने बयां किया सीमावर्ती निवासियों का दर्द और रखीं मांगें
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एएनआई और अन्य मीडियाकर्मियों से बातचीत में जसकिरण कौर ने सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की पीड़ा और भय को मार्मिक शब्दों में व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमने उन्हें (अमित शाह) बताया कि गोलाबारी में किसे कितना नुकसान हुआ है। पाकिस्तान ने जो कायराना हरकत की है, उससे यहां के लोग बहुत डरे हुए हैं।"
जसकिरण ने 7-8 मई की पाकिस्तानी गोलाबारी का जिक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान की ओर से किए गए उन हमलों में पुंछ में काफी जान-माल का नुकसान हुआ है। कई लोग मारे भी गए। उस भयावह समय में हमारे पास न तो पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं थीं और न ही सुरक्षित बंकर थे, जिनमें हम शरण ले सकें। फिर भी, हम लोगों ने हार नहीं मानी, अपने घर नहीं छोड़े और दुश्मन की गोलियों का डटकर सामना किया। जब पाकिस्तान की ओर से अंधाधुंध फायरिंग हो रही थी, तो लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित बंकरों की तलाश में इधर-उधर भाग रहे थे, लेकिन हम अपने घरों में ही डटे रहे।"
अपनी मुलाकात के दौरान जसकिरण ने गृह मंत्री के समक्ष पुंछ जैसे सीमावर्ती और संवेदनशील जिले में बंकरों के निर्माण और बेहतर व त्वरित मेडिकल सुविधाओं की तत्काल आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें बताया कि यहां बंकर और मेडिकल सुविधाओं की बहुत ज्यादा जरूरत है, क्योंकि पुंछ एक सीमावर्ती जिला है और यहां अक्सर गोलाबारी का खतरा बना रहता है। यहां हर किसी के पास दो मंजिला पक्के मकान नहीं हैं, जिनमें वे सुरक्षित रह सकें, इसलिए व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकर बहुत जरूरी हैं।"
'शाह साहब और मोदी सरकार पर पूरा भरोसा': जसकिरण की उम्मीदें और हौसला
कठिन परिस्थितियों के बावजूद जसकिरण कौर और अन्य सीमावर्ती निवासियों का हौसला बुलंद है। उन्होंने गृह मंत्री के व्यवहार की प्रशंसा करते हुए कहा, "मैं अमित शाह सर के दौरे को लेकर बहुत उत्साहित थी और सुबह से ही उनका इंतजार कर रही थी। उनसे मिलकर मैं उन्हें बताना चाहती थी कि इन मुश्किल दिनों में हमने किन-किन तकलीफों का सामना किया है। उन्होंने मेरी सारी बातें बहुत ध्यान से सुनीं। उनसे मिलकर और बात करके बहुत अच्छा लगा। उनका व्यवहार अत्यंत विनम्र था और उन्होंने यहां रुककर सभी लोगों से बड़ी आत्मीयता और अपनेपन से बात की।"
जसकिरण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा सरकार पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा, "हमें उम्मीद है कि शाह साहब हमारे नुकसान की भरपाई करवाने में हमारी पूरी मदद करेंगे। हम उनके और सरकार के साथ हैं और हमें पूरा विश्वास है कि वे भी हमारा पूरा साथ देंगे। जो भी वादे आज पुंछ की जनता से किए गए हैं, हमें यकीन है कि वे जरूर पूरे किए जाएंगे।" उन्होंने भारतीय सेना के प्रति भी अपना अटूट समर्थन और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, "भारतीय सेना के साथ हम पहले भी थे, आज भी हैं और हमेशा रहेंगे।"




