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प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सचिवालय और राजभवन का नाम बदला, PMO की दलील- 'सत्ता से सेवा की ओर बढ़ रहे'

Rewa Riyasat News
2 Dec 2025 8:17 PM IST
प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सचिवालय और राजभवन का नाम बदला, PMO की दलील- सत्ता से सेवा की ओर बढ़ रहे
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भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय का नया नाम ‘सेवा तीर्थ’ रखने का फैसला किया। सभी राज्य भवन अब ‘लोक भवन’ और केंद्रीय सचिवालय ‘कर्तव्य भवन’ कहलाएंगे। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़े बड़े बदलावों की विस्तृत जानकारी पढ़ें।
• प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नया नाम ‘सेवा तीर्थ’ रखा गया
• देश भर के राज्य भवन अब ‘लोक भवन’ नाम से जाने जाएंगे
• केंद्रीय सचिवालय का नया नाम ‘कर्तव्य भवन’ घोषित
• सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत PMO सहित कई कार्यालय शिफ्ट होंगे

PMO Renamed as Seva Tirth | PMO का नया नाम ‘सेवा तीर्थ’

भारत सरकार ने देश के शीर्ष प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। यह घोषणा सरकारी सूत्रों द्वारा की गई, जिनके अनुसार यह बदलाव केवल नाम का नहीं बल्कि सत्ता से सेवा की दिशा में एक प्रतीकात्मक परिवर्तन है। अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक बदलाव को दर्शाता है, जो नई सोच और नए दृष्टिकोण के अनुरूप है।

सूत्रों ने कहा कि बीते वर्षों में केंद्र सरकार ने औपनिवेशिक नामकरण को बदलने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में अब PMO भी 78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से नए कैंपस में स्थानांतरित होकर सेवा तीर्थ-1 भवन से संचालित होगा।

State Houses Renamed | अब राज्य भवन कहलाएंगे ‘लोक भवन’

देश के सभी राजभवनों और राज्य अतिथि गृहों का नाम बदलकर ‘लोक भवन’ कर दिया गया है। यह निर्णय केंद्र के गृह मंत्रालय ने राज्यपालों और उप-राज्यपालों के सम्मेलन में हुई चर्चाओं के आधार पर लिया। मंत्रालय का मानना है कि ‘राज भवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता की ओर संकेत करता है, जबकि ‘लोक भवन’ जनता के केंद्रीय महत्व को दर्शाता है।

इसी तरह राज्यपालों और उप-राज्यपालों के आवास अब लोक निवास के नाम से भी जाने जाएंगे। सरकार का कहना है कि ये परिवर्तन नई भारतीय पहचान और प्रशासन के स्वदेशी स्वरूप को और मजबूत करेंगे।

Central Secretariat Renamed | केंद्रीय सचिवालय अब ‘कर्तव्य भवन’

केंद्र सरकार ने केंद्रीय सचिवालय का नया नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा है। इससे पहले सरकार ने 2022 में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार यह नाम भारत के प्रशासनिक ढांचे में कर्तव्य भावना को और अधिक महत्त्व देने के उद्देश्य से रखा गया है।

PMO Shift from South Block | PMO 78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से शिफ्ट होगा

प्रधानमंत्री कार्यालय लंबे समय से साउथ ब्लॉक से संचालित होता आया है, जिसकी स्थापना 1947 के आसपास हुई थी। अब PMO को ‘सेवा तीर्थ’ नाम वाले नए एडवांस कैंपस में शिफ्ट किया जाएगा। यह स्थानांतरण सेंट्रल विस्टा री डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हाल ही में कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन ने सेवा तीर्थ-2 भवन में सेना प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिससे स्पष्ट संकेत मिला कि जल्द ही इन नए भवनों का पूर्ण संचालन शुरू हो जाएगा।

Seva Tirth Campus | सेवा तीर्थ परिसर में क्या-क्या होगा?

सरकारी योजना के अनुसार सेवा तीर्थ परिसर तीन भागों में विभाजित होगा –

  • सेवा तीर्थ-1 : यहीं से प्रधानमंत्री कार्यालय कार्य करेगा।
  • सेवा तीर्थ-2 : यह भवन कैबिनेट सचिवालय के लिए निर्धारित है।
  • सेवा तीर्थ-3 : इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का दफ्तर स्थापित किया जाएगा।

Central Vista Project | सेंट्रल विस्टा क्या है?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के पूरे क्षेत्र का पुनर्विकास शामिल है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत • नया संसद भवन • केंद्रीय सचिवालय • प्रधानमंत्री आवास • उप-राष्ट्रपति आवास • मंत्रालयों की नई ऑफिस बिल्डिंग्स का निर्माण किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में हुई थी और इसका बजट लगभग 20 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। वर्तमान में कई भवन लगभग तैयार हैं और धीरे-धीरे मंत्रालयों के कार्यालय नई इमारतों में शिफ्ट किए जा रहे हैं।

Home Ministry Shift | नॉर्थ ब्लॉक से शिफ्ट होगा गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय सहित कई केंद्रीय मंत्रालयों को भी जल्द ही नई कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) बिल्डिंग में स्थानांतरित किया जा रहा है। यह नई इमारत जनपथ इलाके में बनी है और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा है।

सभी मंत्रालयों के शिफ्ट होने के बाद दोनों ऐतिहासिक ब्लॉक — नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक — को ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संग्रहालय में 25–30 हजार दुर्लभ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में शामिल हो जाएगा।

Why Renaming? | नाम बदलने की वजह क्या?

सरकार का कहना है कि कई पुराने नाम भारत की शासन व्यवस्था पर औपनिवेशिक असर छोड़ते थे। नए नाम भारतीय लोकतंत्र, सेवा और जन-केंद्रित कार्यप्रणाली को दर्शाते हैं। इससे पहले • रेस कोर्स रोड → लोक कल्याण मार्ग • राजपथ → कर्तव्य पथ में बदले जा चुके हैं।

FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

PMO का नया नाम क्या रखा गया है?

PMO का नया नाम ‘सेवा तीर्थ’ रखा गया है, जहाँ से प्रधानमंत्री कार्यालय कार्य करेगा।

राज्य भवन का नया नाम क्या है?

अब देश के सभी राज्य भवन ‘लोक भवन’ नाम से जाने जाएंगे।

केंद्रीय सचिवालय का नाम क्यों बदला गया?

औपनिवेशिक प्रभाव हटाने और कर्तव्य को महत्व देने के लिए इसका नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा गया है।

क्या साउथ ब्लॉक खाली हो जाएगा?

हाँ, मंत्रालयों के शिफ्ट होने के बाद इसे ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ में बदला जाएगा।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कितना बड़ा है?

यह लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाला राष्ट्रीय पुनर्विकास प्रोजेक्ट है।

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