Pandit Birju Maharaj Death: नहीं रहे कथक के सरताज पंडित बिरजू महाराज, पोते संग खेलते हुए आया हार्ट अटैक
Famous Kathak Dancer Birju Maharaj Death News: भारतीय कला जगत ने अपने एक अनूठे और महान कलाकार को खो दिया है। पूरे विश्व में अपने कथक के गुणों के लिए मशहूर बिरजू महाराज (Birju Maharaj) का रविवार रात निधन हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पद्म विभूषण सम्मान (Padma Vibhushan Award) प्राप्त 83 वर्षीय बिरजू महाराज (Birju Maharaj) का निधन दिल्ली (Delhi) में रविवार देर रात हार्ट अटैक (Hearth Attack) से बताया जा रहा है। बतया जा रहा था उस समय वे अपने पोते से साथ के खेल रहे थे। इसी दौरान उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया।
जिसके बाद उनके परिवार वालो ने उन्हें दिल्ली (Delhi) के साकेत के एक अस्पताल में ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया यह जा रहा है की वे हाल ही में ही बिरजू महाराज किडनी की समस्या से उबरे थे और फिलहाल वे डायलिसिस पर थे।
उनकी पोती रागिनी महाराज ने बताया कि ''पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था। बीती रात उन्होंने मेरे हाथों से खाना खाया, मैंने कॉफी भी पिलाई। इसी बीच उन्हें सांस लेने में तक़लीफ हुई हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन उन्हें बचाया ना जा सका''।
पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था। बीती रात उन्होंने
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 17, 2022
मेरे हाथों से खाना खाया, मैंने कॉफी भी पिलाई। इसी बीच उन्हें सांस लेने में तक़लीफ हुई हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन उन्हें बचाया ना जा सका: महान कथक नृतक बिरजू महाराज के निधन पर उनकी पोती रागिनी महाराज, दिल्ली pic.twitter.com/RHAFQNaVt2
बिरजू महाराज (Birju Maharaj) दशकों से कला जगत के सितारे रहे हैं। बिरजू महाराज (Birju Maharaj) का संबंध नृतकों के महाराज परिवार से रहा है। जानकारी के मुताबिक उनके चाचा शंभू महाराज (Shambhu Maharaj) और लच्छू महाराज (Lachhu Maharaj) भी कथक के नृतक (Kathak Dancer) थे। उनके पिता भी क्लासिकल म्यूजिक के बड़े कलाकार थे। भारतीय कला जगत की कई बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
मिल चुका है पद्म विभूषण सम्मान (Padma Vibhushan Award)
फेमस कथक डांसर बिरजू महाराज (Birju Maharaj) ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। बिरजू महाराज (Birju Maharaj) को 1983 में पद्म विभूषण (Padma Vibhushan Award) से सम्मानित किया गया था।
बिरजू महाराज को कई अवार्ड मिल चुके थे। उनमे से बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी शामिल है। बिरजू महाराज को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।
पंडित बिरजू महाराज (Birju Maharaj) का जन्म 4 फरवरी, 1938 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में हुआ था। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले महाराज जी जब केवल तीन साल के थे, तभी उनके पिता ने उनमें नृत्य की प्रतिभा को देखते हुए दीक्षा देना शुरू कर दिया था। बिरजू महाराज जब 9 साल के हुए तो उनके पिता की मृत्यु हो गई।