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One Nation, One Election: एक देश-एक चुनाव पर कमेटी का गठन, केंद्र ने संसद का विशेष सत्र बुलाया; टल सकते हैं एमपी समेत 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव

One Nation, One Election
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One Nation, One Election: केंद्र की मोदी सरकार 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर चुकी है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव टल सकते हैं।

One Nation, One Election: केंद्र की मोदी सरकार 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर चुकी है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव टल सकते हैं। जबकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को समय से पहले कराया जा सकता है।

केंद्र सरकार की मंशा देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की है। इस दिशा पर मोदी सरकार ने आगे बढ़ना भी शुरू कर दिया है। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार ने 'एक देश, एक चुनाव' पर कमेटी का गठन शुरू कर दिया है। वहीं मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। माना जा रहा है कि इस सत्र में सरकार कई बड़े बिल ला सकती है, जिनमें 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रमुख रूप से शामिल है।

'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है, जिसकी अधिसूचना किसी भी समय जारी हो सकती है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रामनाथ कोविंद के दिल्ली स्थित निवास पर जाकर मुलाकात कि है।

हालांकि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन इस पर चर्चाएं जरूर तेज हो गई है। विपक्षी दलों को भी लगने लगा है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव समय से पूर्व करा सकती है। जबकि इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं।

संसद के विशेष सत्र में कौन से बिल ला सकती है मोदी सरकार

  • एक देश, एक चुनाव (One Nation, One Election)
  • महिला आरक्षण विधेयक
  • यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)

One Nation, One Election के लिए क्या करना होगा?

  • कमेटी का गठन कर अधिसूचना जारी करनी होगी।
  • एक देश, एक चुनाव के लिए गठित कमेटी सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी।
  • सभी पक्षों की राय महत्वपूर्ण होगी।
  • कमेटी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी।
  • रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी।
  • लागू करने पर फैसला हुआ तो इसके लिए बिल तैयार कर पहले कैबिनेट फिर संसद में पेश किया जाएगा।
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