राष्ट्रीय

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को देश छोड़ने पर पाबंदी, CBI कर रही जांच

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को देश छोड़ने पर पाबंदी, CBI कर रही जांच
x
NSE: BSE ने चित्रा पर आरोप लगाया है कि सीईओ रहते उन्होंने एक बाहरी व्यक्ति से NSE की जानकरी शेयर की है, चित्रा ने भी इन आरोपों को स्वीकार्य किया है

NSE: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। सीबीआई (CBI) ने चित्रा सहित एक और पूर्व सीईओ रवि नरेन व पूर्व चीफ ऑपरेशन ऑफिसर आनंद सुब्रमणियन के खिलाफ नोटिस जारी करके देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है।

दरअसल सीबीआई उक्त तीनों अधिकारियों से को-लोकेशन मामले में शुक्रवार को पूछताछ की थी। इतना ही नही सीबीआई ने दिल्ली के सिक्योरिटीज के मालिक और प्रमोटर्स संजय गुप्ता को भी को-लोकेशन मामले में आरोपी बनाया है।

पहले ही मिल जाता था सर्वर

अधिकारीयों के खिलाफ दर्ज FIR में कहा है कि संजय गुप्ता पहले शख्स थे जिनको अन्य ब्रोकर्स की तुलना में कुछ सेकेंड पहले एक्सचेंज के सर्वर का एक्सेस मिल जाता था। सीबीआई अब अन्य अधिकारियों के सबंध में भी जांच कर रही है। जिससे इस मामले में जुड़े लोगो को बेनकाब कर सके।

बाबा को खूफिया जानकारी देने में फंसी चित्रा

एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा पर आरोप है कि उन्होंने एक अज्ञात बाबा को NSE की खुफिया जानकारी दी है। इससे पहले चित्रा के घर पर गुरुवार को इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी। बता दे कि चित्रा लगभग तीन वर्ष तक NSE सीईओ रही और वे 2013 से 16 तक इसी पद में रहीं। चित्रा वित्त वर्ष 2016 में एक्सचेंज से इस्तीफा देने से पहले फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली दूसरी अधिकारी थीं।

आईडीबीआई से शुरू किया था कॅरियर

चित्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत 1985 में आईडीबीआई बैंक में प्रोजेक्ट फाइनेंस से शुरू की थी। एनएसई जब 1992 में शुरू हुआ, तब से वो इसके साथ थीं।

चित्रा 2013 में फॉर्च्यून 50 की लिस्ट में टॉप पावरफुल महिलाओं में शामिल थीं। एनएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2 दिसंबर 2016 को एनएसई से इस्तीफा दे दिया था। उसके पहले के 8 महीने में उनको सैलरी के रूप में 18 करोड़ रुपए मिले।

अज्ञात बाबा से ले रही थी सलाह

चित्रा रामकृष्ण पर अरोप लगते रहे हैं कि वे कई वर्षों से अपने महत्वपूर्ण कारोबारी फैसलों में एक बाबा से सलाह ले रही थीं। एक ऐसा बाबा जो हिमालय में रहता था और तीन वेदों के नाम वाली एक मेल आईडी का इस्तेमाल करता था। यह बाबा मेल पर चित्रा रामकृष्ण को निर्देश देता था और फैसले हो जाते थे। खास बात यह है कि चित्रा इस योगी से कभी मिली नहीं, लेकिन वह करीब 20 वर्षों से इस योगी से मेल पर बातचीत कर रही थीं।

Next Story