राष्ट्रीय

देश के करोड़ो किसानों के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की विशेष योजना, फटाफट से जानें क्या है होगा लाभ?

देश के करोड़ो किसानों के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की विशेष योजना, फटाफट से जानें क्या है होगा लाभ?
x
किसानी को लाभ का धंधा बनाने देश तथा प्रदेश की सरकार प्रयासरत है। सभी का प्रयास है कि देश में किसानी को इतना मजबूत किया जाय जिससे देश प्रगति के पथ पर नया आयाम लिखे।

किसानी को लाभ का धंधा बनाने देश तथा प्रदेश की सरकार प्रयासरत है। सभी का प्रयास है कि देश में किसानी को इतना मजबूत किया जाय जिससे देश प्रगति के पथ पर नया आयाम लिखे। इन सब मामलो के बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण बात कही है। इनका कहना है कि कृषि तथा उससे सम्बद्ध क्षेत्र की सकल आय हमारे देश की सकल घरेलू उत्पाद का 12 प्रतिशत है। इसे अब बढ़ाकर 22 से 24 प्रतिशत करना होगा। तभी हमारा देश पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर राष्ट्र बन पायेगा। हर हाल में कृषि को बढ़ावा देना होगा।

बनाना है आत्मनिर्भर भारत

भारत सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है। आज भी भारत में कृषि प्रधानता कायम है। लेकिन देश को पूर्णरूपेण आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कृषि के क्षेत्र में और भी बहुत कुछ करना शेष है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि जब तक जीडीपी में कृषि और इससे जुडे क्षेत्रों की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत नहीं हो जाती तब तक यह सम्भव नही हो सकता है।

श्री गडकरी का कहना है कि ऐसे में आवश्यकता है कि देश के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में तकनीक को बढ़ावा दिया जाय। जिससे भूमि सुधार के साथ ही किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी।

जाने किसकी कितनी हिस्सेदारी

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान समय में हमारे देश में कृषि तथा उससे सम्बंधित क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद 12 प्रतिशत है। विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 22 से 24 प्रतिशत करनी होगी। वही सेवा क्षेत्र का हिस्सा 52 से 54 प्रतिशत है। ऐसे में आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। इसे 22 से 24 प्रतिशत करना होगा।

आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा साकार

उन्होने कहा कि अगर ऐसा करने में हम सफल होते हैं तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। उनका कहना था कि जब ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जायेगा तो वहां भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। गांवो से बेरोजगारी दूर होगी तथा वहां भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

Next Story