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कोरोना का नया खतरा: बेंगलुरु में नए वैरिएंट से बुजुर्ग की मौत, देश में 350 एक्टिव केस; दिल्ली में एडवाइजरी, JN.1 सबसे आम

कोरोना का नया खतरा: बेंगलुरु में नए वैरिएंट से बुजुर्ग की मौत, देश में 350 एक्टिव केस; दिल्ली में एडवाइजरी, JN.1 सबसे आम
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भारत में कोरोना के नए सब-वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के मामले मिलने के बीच स्वास्थ्य विभाग ने बेंगलुरु में एक 84 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना से मौत की पुष्टि की है। देश में सक्रिय मामलों की संख्या 350 हो गई है। दिल्ली सरकार ने बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट्स की आशंका के मद्देनजर अस्पतालों को तैयारी के निर्देश दिए हैं और जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर दिया है। JN.1 अभी भी देश में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

देश में कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप और नए सब-वैरिएंट्स की दस्तक के बीच एक और मरीज की मौत की खबर ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार, 24 मई, 2025 को जारी जानकारी के अनुसार, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कोरोना वायरस से पीड़ित एक 84 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है। यह मौत हाल ही में देश में पाए गए कोरोना के नए सब-वैरिएंट्स के संदर्भ में देखी जा रही है। इससे पहले महाराष्ट्र के ठाणे में भी एक 21 वर्षीय युवक की कोरोना संक्रमण से मौत हुई थी।

इसके साथ ही, देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। शनिवार को महाराष्ट्र के ठाणे में 8, उत्तराखंड और हरियाणा में 3-3, जबकि उत्तर प्रदेश के नोएडा और कर्नाटक के बेलगावी में एक-एक नया मामला सामने आया। इससे एक दिन पहले, यानी 23 मई को, गुजरात के अहमदाबाद में 20, उत्तर प्रदेश में 4, हरियाणा में 5 और बेंगलुरु में एक 9 महीने के बच्चे के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की भी पुष्टि हुई थी। इन नए मामलों के साथ देश में कोरोना के सक्रिय (एक्टिव) मामलों की संख्या बढ़कर 350 हो गई है।

दिल्ली सरकार की सक्रियता और जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर

कोरोना के बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट्स के प्रसार की आशंका के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन को लेकर एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने राजधानी के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए ऑक्सीजन युक्त बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक दवाइयों और वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने का कड़ा निर्देश दिया है।

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, दिल्ली के सभी अस्पतालों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक पॉजिटिव कोविड सैंपल को अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोकनायक अस्पताल स्थित प्रयोगशाला में भेजें। इसका उद्देश्य नए वैरिएंट्स की समय पर पहचान करना और उनके प्रसार की निगरानी करना है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अपनी दैनिक कोविड रिपोर्ट दिल्ली हेल्थ पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड करने को भी कहा गया है। यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान, चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे पड़ोसी और एशियाई देशों में कोरोना के मामलों में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा रही है।

भारत में नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 की दस्तक तथा उनकी प्रकृति

भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट NB.1.8.1 का एक मामला और LF.7 प्रकार के चार मामले दर्ज किए गए हैं। चिंता का विषय यह है कि चीन और एशिया के अन्य हिस्सों में हाल ही में बढ़ते कोविड मामलों में यही वैरिएंट प्रमुख रूप से पाए जा रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फिलहाल इन नए प्रकारों को 'चिंताजनक वैरिएंट' (Variants of Concern - VoC) की श्रेणी में तो नहीं रखा है, लेकिन इन्हें 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' (Variants Under Monitoring - VUM) के रूप में वर्गीकृत किया है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि NB.1.8.1 में मौजूद कुछ विशिष्ट स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन (जैसे A435S, V445H, और T478I) इसे अन्य मौजूदा वेरिएंट की तुलना में अधिक तेजी से फैलने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह भी पाया गया है कि इन नए सब-वैरिएंट्स पर कोविड के खिलाफ बनी प्रतिरक्षा (टीकाकरण या पूर्व संक्रमण से प्राप्त) का असर भी कुछ कम हो सकता है, जिससे पुनः संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

JN.1 वैरिएंट का देश में प्रभुत्व और अन्य सक्रिय स्ट्रेन

भारत में वर्तमान में कोरोना वायरस का JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक सक्रिय और आम बना हुआ है। हाल ही में की गई जीनोम सीक्वेंसिंग और टेस्टिंग में आधे से ज्यादा (50% से अधिक) सैंपलों में इसी वैरिएंट की पुष्टि हुई है। JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वैरिएंट का ही एक उप-वंश (स्ट्रेन) है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। अपनी तीव्र प्रसार क्षमता के कारण दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (VoI) घोषित किया था। JN.1 में लगभग 30 अतिरिक्त म्यूटेशन्स पाए गए हैं, जो इसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने और संक्रमण फैलाने में अधिक सक्षम बनाते हैं।

अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से और तेजी से फैलता है, लेकिन यह आमतौर पर बहुत गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि का कारण नहीं बनता। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे प्रमुख वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट से संक्रमित होने पर लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं, और यदि लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह 'लॉन्ग कोविड' की स्थिति हो सकती है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण रिकवरी के बाद भी परेशान करते रहते हैं।

JN.1 के बाद भारत में BA.2 (कुल मामलों का लगभग 26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन के अन्य सबलाइनेज (लगभग 20 प्रतिशत मामले) भी संक्रमण फैला रहे हैं।

विभिन्न राज्यों में कोरोना की ताजा स्थिति का आकलन

गुजरात: राज्य में अब तक कुल 40 कोरोना मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 33 अभी भी सक्रिय (एक्टिव) हैं और मरीजों का इलाज चल रहा है।

दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गुरुवार (22 मई) तक राजधानी दिल्ली में कोरोना के 23 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे।

उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद जिले में 4 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इनमें से तीन मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, जबकि एक मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हरियाणा: राज्य में पिछले 48 घंटों के भीतर 5 नए कोरोना मरीज मिले हैं, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी मरीजों की कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हिस्ट्री नहीं है, जो स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलने की ओर इशारा करता है।

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Neelam Dwivedi | रीवा रियासत

Neelam Dwivedi | रीवा रियासत

नीलम द्विवेदी जर्नलिज़्म से स्नात्कोत्तर हैं। 2016 से रीवा रियासत डॉट कॉम में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें देश-दुनिया, राजनीति के अलावा स्पोर्ट्स, हेल्थ, होम डेकोर, रिलेशनशिप, लाइफस्टाइल और एंटर्टेंमेंट जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं। साथ ही म्यूजिक, थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।

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