
भारत में भी हो सकता है नेपाल जैसा विद्रोह? जानिए शशि थरूर ने देश को किससे खतरा जताया, पड़ोसी देश की एजेंसी बना रही खतरनाक प्लान

नेपाल संकट और भारत की रणनीति
शशि थरूर की चिंता और चेतावनी
पाकिस्तान और चीन से जुड़ा खतरा
भारत को क्या कदम उठाने चाहिए?
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नेपाल संकट और भारत की रणनीति
नेपाल में हाल ही में Gen Z के नेतृत्व में हुए विद्रोह और राजनीतिक अस्थिरता ने पूरे दक्षिण एशिया का ध्यान खींचा है। भारत के लिए यह स्थिति आसान नहीं है। एक ओर, भारत नेपाल का करीबी पड़ोसी और पारंपरिक सहयोगी है, वहीं दूसरी ओर नेपाल की आंतरिक राजनीति में सीधे हस्तक्षेप करना भारत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे हालात में भारत को ऐसी रणनीति अपनानी होगी जिससे न तो उसकी क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर पड़े और न ही नेपाल में चीन या पाकिस्तान जैसे दुश्मनों का प्रभाव बढ़े। यह स्पष्ट है कि भारत को ‘सॉफ्ट डिप्लोमेसी’ यानी सांस्कृतिक, आर्थिक और संस्थागत सहयोग के जरिये नेपाल के साथ अपने रिश्तों को मजबूत बनाए रखना होगा।
शशि थरूर की चिंता और चेतावनी
कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने अपने लेख में साफ कहा कि नेपाल की अस्थिरता भारत के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकती है। भारत-नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों की दोस्ती की पहचान है, लेकिन मौजूदा हालात में यह सीमा भारत के लिए चुनौती भी बन सकती है। थरूर का कहना है कि राजनीतिक अराजकता के चलते सीमा पार से तस्करी, मानव तस्करी और भारत-विरोधी गतिविधियां बढ़ सकती हैं। उन्होंने यह भी आगाह किया कि इस स्थिति का फायदा उठाकर भारत विरोधी ताकतें सक्रिय हो सकती हैं।
पाकिस्तान और चीन से जुड़ा खतरा
थरूर ने खास तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और चीन की भूमिका को लेकर चिंता जताई। उनका कहना है कि नेपाल में जो सुरक्षा का खालीपन बना है, उसका सबसे ज्यादा फायदा ये दोनों देश उठा सकते हैं। पाकिस्तान भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर सकता है, जबकि चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के जरिये नेपाल में अपनी पकड़ और मजबूत कर रहा है। यह स्थिति भारत के लिए लंबे समय में रणनीतिक खतरे में बदल सकती है। अगर भारत ने इस समय सही कदम नहीं उठाए, तो दक्षिण एशिया में उसका प्रभाव कम हो सकता है।
भारत को क्या कदम उठाने चाहिए?
शशि थरूर का सुझाव है कि भारत को सीधे राजनीतिक हस्तक्षेप से बचना चाहिए। इसके बजाय उसे नेपाल की नई सरकार को आर्थिक सहयोग, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में मदद करनी चाहिए। भारत-नेपाल की नई पीढ़ी के बीच संवाद बढ़ाना भी जरूरी है, ताकि दोनों देशों के रिश्ते सिर्फ सरकारों तक सीमित न रहें, बल्कि लोगों के बीच आपसी भरोसे और दोस्ती के आधार पर आगे बढ़ें। भारत के पास अभी भी कूटनीतिक और रणनीतिक ताकत है, और सही नीति अपनाकर वह इस संकट को अवसर में बदल सकता है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: नेपाल संकट से भारत को सबसे बड़ा खतरा क्या है?
भारत को सबसे बड़ा खतरा सीमा सुरक्षा और भारत विरोधी गतिविधियों के बढ़ने से है, जिनका फायदा पाकिस्तान और चीन उठा सकते हैं।
Q2: शशि थरूर ने भारत को क्या सलाह दी?
थरूर ने सलाह दी है कि भारत सीधे हस्तक्षेप से बचे और नेपाल को आर्थिक-सांस्कृतिक सहयोग देकर रणनीतिक रूप से मजबूत करे।
Q3: नेपाल में चीन का प्रभाव क्यों बढ़ रहा है?
चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत बड़े प्रोजेक्ट्स कर रहा है, जिससे वह नेपाल में मजबूत पकड़ बना रहा है।
Q4: भारत को नेपाल की नई पीढ़ी से संवाद क्यों बढ़ाना चाहिए?
नई पीढ़ी भविष्य की राजनीति और समाज का चेहरा है। उनसे संवाद बढ़ाने से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे और गलतफहमियां कम होंगी।
Rewa Riyasat News
2013 में स्थापित, RewaRiyasat.Com एक विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है जो पाठकों को तेज़, सटीक और निष्पक्ष खबरें प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय घटनाओं तक की भरोसेमंद जानकारी पहुंचाना है।




