Modi Cabinet का बड़ा फैसला, सांसदों के वेतन में एक साल तक होगी 30 फीसदी कटौती
Modi Cabinet का बड़ा फैसला, सांसदों के वेतन में एक साल तक होगी 30 फीसदी कटौती
कोरोना संकट के बीच आज केंद्र सरकार की मोदी केबिनेट (Modi Cabinet) में एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब देश के सभी सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके साथ ही सांसद निधि के लिए दी जाने वाली राशि भी दो साल तक के लिए टाल दी गई है। यह अहम फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस कटौती से सरकार को एक साल में करीब 8 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है। यह राशि भारत के समेकित कोष में दर्ज की जाएगी।
#WATCH LIVE: Union Cabinet briefing from Delhi. (06 April, 2020) https://t.co/QK2PTtHaNs
— ANI (@ANI) April 6, 2020
कोरोना वायरस महामारी के संकट को देखते हुए सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में अहम फैसला लिया गया। इसके तहत सांसद निधि को दो साल के लिए टाल दिया गया वही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल समेत तमाम सांसदों ने भी अपने वेतन का 30 फीसद योगदान देने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसद तक कम किया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, कैबिनेट ने भारत में महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले MPLAD फंड को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। 2 साल के लिए MPLAD फंड के 7900 करोड़ रुपये का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा।'
#Cabinet briefing by I&B Minister @PrakashJavdekar on #CabinetDecisions 📍Venue : National Media Centre, New Delhi Watch LIVE on PIB's YouTube: https://t.co/mZhisbQ2AY Facebook: https://t.co/F2Xoky3fuL
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) April 6, 2020
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया, ‘दो साल के लिए सांसद निधि स्थगित कर दी गई है। राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति-राज्यपाल भी 30 फीसद कम सैलरी लेंगे।’ उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है। यह धनराशि भारत के समेकित कोष में जाएगा।'