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मनरेगा खत्म, नया ग्रामीण रोजगार कानून आएगा: 'विकसित भारत-जी राम जी' नई स्कीम होगी, 125 दिन काम की गारंटी; कांग्रेस का तीखा विरोध

Rewa Riyasat News
15 Dec 2025 4:18 PM IST
मनरेगा खत्म, नया ग्रामीण रोजगार कानून आएगा: विकसित भारत-जी राम जी नई स्कीम होगी, 125 दिन काम की गारंटी; कांग्रेस का तीखा विरोध
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मोदी सरकार मनरेगा को खत्म कर VB-G RAM G Bill 2025 लाने की तैयारी में है। नए कानून में 125 दिन रोजगार की गारंटी, राज्यों पर खर्च का बोझ और बोवाई-कटाई के समय काम रोकने का प्रावधान है। जानिए पूरी डिटेल।
  • MGNREGA कानून को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी
  • 125 दिन रोजगार गारंटी वाला नया ग्रामीण कानून प्रस्तावित
  • VB-G RAM G Bill 2025 लोकसभा सांसदों में सर्कुलेट
  • कांग्रेस का विरोध, महात्मा गांधी का नाम हटाने पर सवाल

मनरेगा की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की तैयारी, VB-G RAM G नई स्कीम लागू होगी

केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म कर एक नया कानून लाने का प्रस्ताव शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इस संबंध में तैयार किए गए बिल की कॉपी सोमवार को लोकसभा सांसदों के बीच सर्कुलेट की गई।

नए बिल का नाम क्या है?

सरकार द्वारा प्रस्तावित नए कानून का नाम रखा गया है— ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’। बिल के मुताबिक, इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार व्यवस्था को नए सिरे से ढालना है।

100 दिन से बढ़कर 125 दिन रोजगार

नए प्रस्तावित कानून की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ग्रामीण परिवारों को मिलने वाले रोजगार की गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन कर दी गई है। सरकार का तर्क है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बदलती सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए यह कदम जरूरी है।

VB-G RAM G Bill 2025 की 3 प्रमुख विशेषताएं

पहली – ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार देने की गारंटी।
दूसरी – जहां पहले पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती थी, अब राज्यों को 10% से 40% तक की हिस्सेदारी करनी होगी।
तीसरीबोवाई और कटाई के दौरान (करीब 60 दिन) सरकारी रोजगार नहीं दिया जाएगा, ताकि खेतों में मजदूरों की कमी न हो।

सरकार का तर्क: 20 साल में बदली ग्रामीण तस्वीर

बिल के उद्देश्य में लिखा गया है कि पिछले 20 वर्षों में MGNREGA ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार देने में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन अब गांवों में आर्थिक, सामाजिक और कृषि पैटर्न में बड़े बदलाव आ चुके हैं। इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखते हुए रोजगार कानून को और मजबूत तथा व्यावहारिक बनाने की जरूरत बताई गई है।

कांग्रेस का विरोध, प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। वायनाड सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे सरकार का तर्क समझ से परे है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी योजना का नाम बदलने में सरकारी संसाधनों का बड़ा खर्च होता है—ऑफिस रिकॉर्ड, स्टेशनरी और दस्तावेज़ तक बदलने पड़ते हैं। उन्होंने पूछा कि इस बदलाव से आम जनता को आखिर क्या फायदा होगा?

पहले भी बदले गए हैं योजनाओं के नाम: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मुद्दे पर वीडियो साझा कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार अब तक कांग्रेस की 32 से ज्यादा योजनाओं के नाम बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि जिस मनरेगा को कभी विफलता बताया गया, वही योजना ग्रामीण भारत के लिए संजीवनी साबित हुई।

जानिए क्या है मनरेगा (MGNREGA)

पूरा नाम: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
लागू: वर्ष 2005
उद्देश्य: हर ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिन रोजगार
काम का प्रकार: सड़क, तालाब, नहर, जल संरक्षण, खेतों की मेड़
कानूनी अधिकार: काम देना सरकार की जिम्मेदारी
मजदूरी भुगतान: सीधे बैंक/पोस्ट ऑफिस खाते में
महिला भागीदारी: कम से कम एक-तिहाई
निगरानी: सोशल ऑडिट के जरिए

नया कानून लागू होने पर क्या बदलेगा?

बिल के मुताबिक, संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नया कानून लागू होगा। इसके 6 महीने के भीतर राज्यों को नई डिजिटल और बायोमेट्रिक आधारित पंजीकरण व्यवस्था बनानी होगी। पुराने जॉब कार्ड स्वतः मान्य नहीं रहेंगे।

ग्रामीण मजदूरों पर क्या असर पड़ेगा?

सरकार का दावा है कि 125 दिन रोजगार से आय बढ़ेगी, जबकि विपक्ष को आशंका है कि बोवाई-कटाई के समय काम रोकने और राज्यों पर खर्च का बोझ डालने से गरीब मजदूरों को नुकसान हो सकता है। इस मुद्दे पर संसद में तीखी बहस की संभावना है।

कुल मिलाकर बड़ा नीति बदलाव

कुल मिलाकर, मनरेगा को खत्म कर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने का प्रस्ताव ग्रामीण भारत की दिशा तय करने वाला फैसला माना जा रहा है। एक ओर सरकार इसे विकसित भारत की ओर कदम बता रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे गरीब विरोधी करार दे रहा है। आने वाले दिनों में इस बिल पर संसद के भीतर और बाहर राजनीति गरमाने के आसार हैं।

FAQs

क्या मनरेगा पूरी तरह खत्म हो जाएगी?

हां, नए बिल में साफ तौर पर MGNREGA कानून को रद्द करने का प्रावधान है।

नया कानून कब से लागू होगा?

संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।

क्या सभी को 125 दिन का काम मिलेगा?

125 दिन का रोजगार गारंटी के रूप में होगा, लेकिन काम मांगने पर और तय शर्तों के अनुसार।

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