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LIC IPO: सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वैल्यूएशन में कटौती की बनाई योजना

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भारतीय बाजार में अस्थिरता दिखाई दे रही है इस कारण से सरकार एलआईसी आईपीओ की वैल्यूएशन में कटौती करने का प्लान कर रही है।

LIC IPO: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते लगातार वैश्विक बाजार में उठापटक के कारण भारतीय बाजार में भी अस्थिरता दिखाई दे रही है ऐसे में सरकार एलआईसी आईपीओ की वैल्यूएशन में कटौती करने का प्लान कर रही है। 30 फ़ीसदी तक सरकार वैल्यूएशन कम कर सकती है। बाजार में गिरावट के माहौल में निवेशकों को आकर्षित करने एवं लुभाने के लिए के लिए सरकार यह फैसला ले सकती है। एलआईसी आईपीओ का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खास खबर है जानें।

ड्राफ्ट पेपर्स फरवरी में किए गए दाखिल (Draft Papers Were Filed In February):

फरवरी में एलआईसी ने मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे। इस ड्राफ्ट के अनुसार, एलआईसी में कुल 632 करोड़ शेयर में 31,62,49,885 इक्विटी शेयरों बेचने का प्रस्ताव है। इसमें 50 फ़ीसदी हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए आरक्षित होगा, जबकि 15 फ़ीसदी गैर-संस्थागत खरीदारों के लिए होगा।

बाजार के माहौल के चलते टाला गया (Postponed Due To Market Environment):

सरकार ने पहले 16,00000 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन की योजना बनाई थी। लेकिन अब सरकार एलआईसी की वैल्यूएशन करीब 11,00000 करोड़ रुपए रखना चाहती है। वैल्यूएशन में कटौती के बावजूद यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ साबित होगा। मार्च 2022 में ही सरकार ने आईपीओ लाने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन, बाजार के माहौल के चलते इस आईपीओ को टाल दिया गया था।

मंजूरी की तारीख से 12 महीने तक रहेगा वैध (Will Be Valid For 12 Months From The Date Of Approval):

सेबी से एलआईसी आईपीओ को मंजूरी मिलने के बाद, यह आईपीओ मंजूरी की तारीख से 12 महीने की अवधि के लिए वैध है। एलआईसी आईपीओ को लेकर कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया था। इसमें ऑटोमेटिक रूट से 20 फ़ीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई थी। एलआईसी के प्रस्तावित इस फैसले के बाद आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। लेकिन, बाजार के गिरते माहौल को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने बाजार में अपने पैसे वापस लेना शुरू कर दिया है।

Shailja Mishra | रीवा रियासत

Shailja Mishra | रीवा रियासत

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