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सफलता की कहानी: फूलों की खेती से लखपति हुआ मजदूर, हर महीने ₹150000 की इनकम

Business Success Story
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Business Success Story: कुछ करने की इच्छा हो तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। यह बात अलग है कि कई बार मार्गदर्शन के अभाव में क्षमता होने के बाद भी व्यक्ति कार्य नहीं कर पाता और उसे सफलता नहीं मिलती।

कुछ करने की इच्छा हो तो अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। यह बात अलग है कि कई बार मार्गदर्शन के अभाव में क्षमता होने के बाद भी व्यक्ति कार्य नहीं कर पाता और उसे सफलता नहीं मिलती। ऐसा ही कुछ हाल महाराष्ट्र के हिंगोली के रहने वाले किसान गजानन के साथ हुआ। बताते हैं कि गजानन कुछ वर्ष पहले मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। लेकिन आज गजानन महीने के 1 लाख 50 हजार रुपए कमा रहे है।

इस तरह हुई शुरुआत

गजानन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन इसी बीच उनकी बहन ने उन्हें फूल की खेती करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में उन्हों ने डेढ़ एकड़ जमीन में देसी गुलाब और गेंदे की खेती शुरू की। शुरुआत में उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हुआ। आज गजानन करीब 3 एकड़ जमीन लेकर लगभग 5 एकड़ में फूल की खेती कर रहे हैं।

इन फूलों की खेती कर रहे गजानन

शुरुआती दौर में गजानन ने देसी गुलाब और गेंदे की खेती शुरू की। बाद में बाजार की आवश्यकता को समझते हुए इसमें और विकास किया। वर्तमान समय में लगभग 10 किस्म के फूलों की खेती कर रहे हैं। सबसे ज्यादा गुलाब, गलांडा, निशिगंधा फूल की खेती कर रहे हैं। गजानन ने बताया कि शुरुआती दौर में कम क्षेत्रफल से खेती शुरू करें। जैसे-जैसे आपका स्थानीय बाजार डिमांड करता जाए उसी हिसाब से फूल की खेती का चुनाव करते हुए अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं। यह अवश्य ही फायदेमंद होगा।

वर्ष भर रहती है डिमांड

उन्होंने बताया कि वर्ष भर फूल की डिमांड बाजार में बनी रहती है। हर तरह के फूलों की मांग बाजार में रहने से लाभ ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि कई प्रमुख फूलों की खेती के साथ ही बीच में अन्य फूल के पौधे तैयार कर लिए जाएं तो एक्स्ट्रा आमदनी होती रहती है। उन्होंने बताया कि फूल का बाजार आज के इस फैशन के दौर में बहुत बड़ा है। फूल की डिमांड हर मौसम में बनी ही रहती है।

उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि फूलों की खेती करने के लिए किसी विशेष सीजन या जमीन की जरूरत नहीं होती। आमतौर पर हर जमीन में फूल की खेती की जा सकती है। लागत भी ज्यादा नहीं है। बुवाई कटाई में भी ज्यादा पैसे नहीं लगते। फसलों के गिरते दाम को देखते हुए अब आवश्यक है कि किसान अपना रुख गेहूं चावल की खेती की तरफ से हटाकर फूलों की खेती में लगाएं। आज सब्जियों में भी ज्यादा कमाई नहीं रह गई है ऐसे में फूल का विकल्प बहुत बढ़िया है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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