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कारगिल दिवस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- जरूरत पड़ी तो LoC पार करेंगे, जनता युद्ध की तैयारी करे

कारगिल दिवस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- जरूरत पड़ी तो LoC पार करेंगे, जनता युद्ध की तैयारी करे
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Kargil Day Rajnath Singh LoC War: कारगिल दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के द्रास में कारगिल वॉर मेमोरिल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की

Kargil Diwas Rajnath Singh LoC War: बुधवार 26 जुलाई को कारगिल दिवस के मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख के द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल पहुंचे। यहां उन्होंने देश के लिए बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कारगिल युद्ध में भारत की जीत को 24 साल पूरे हुए हैं. इस दौरान CDS अनिल चौहान और सीनों सेनाओं के प्रामुहों ने भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को पुष्पांजलि दी.

कारगिल युद्ध कब हुआ था

26 जुलाई 1999 को कारगिल में भारत की सेना ने तिरंगा फहराया था. पाकिस्तान से हुई इस जंग में देश के 527 जवान शहीद हुए थे. बलिदानी जवानों को सम्मान देने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है. बुधवार को शहीदों को सम्मान देने के लिए Mig-29 एयरक्राफ्ट ने Fly Past किया और 3 Cheetah Helicopter ने War Memorial में पुष्पवर्षा की

जरूरत पड़ी तो LoC पर करेंगे

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- कारगिल युद्ध में हमने LoC को पार नहीं किया। इसका मतलब ये नहीं कि हम इसे पार नहीं कर सकते, हम ऐसा कर सकते थे, कर सकते हैं और जरूरत पड़ी तो ऐसा करेंगे भी. जनता को युद्ध के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना होगा

पाकिस्तान ने हमारी पीठ पर खंजर घोंपा

रक्षा मंत्री ने कहा- कारगिल में भारतीय ध्वज इसी लिए लहरा रहा है क्योंकी 1999 में भारतीय सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों की छाती में अपना तिरंगा लहराया था. कारगिल युद्ध भारत पर थोपा गया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान जाकर कश्मीर समेत अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था. लेकिन पाकिस्तान ने भारत की पीठ पर छूरा घोंपा था.

हमारी सेना ने बताया कि न्यूक्लियर बम से जंग नहीं जीती जाती, बल्कि शौर्य और अदम्य इक्षाशक्ति से जीती जाती है. युद्ध सिर्फ सेना नहीं बल्कि दो राष्ट्र और उनकी जनता लड़ती है. जंग में सिर्फ सेना नहीं किसान, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और कई सारे पेशे के लोग शामिल होते हैं.

आने वाले समय में जनता को सीधे तौर पर युद्ध के लिए तैयार रहना होगा, जब देश को उनकी जरूरत पड़े तो वो मदद के लिए तत्पर रहें



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