
Jet Fuel vs Petrol: पेट्रोल से सस्ता क्यों हैं प्लेन में डलने वाला जेट फ्यूल, शायद राहुल गांधी को ये पता नहीं

Jet Fuel vs Petrol: नॉर्मल कार और बाइक्स में डालने वाला पेट्रोल जहाँ देश के कई हिस्सों में 117 रुपए लीटर बिक रहा है वहीँ प्लेन और जेट में डलने वाले जेट फ्यूल की कीमत पेट्रोल से 33% सस्ती है जो दिल्ली के रेट के अनुसार सिर्फ 79 रुपए का है। इस बात को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। देश की जनता मोदी सरकार से काफी नाराज है और कई लोग कह रहे हैं यही तो अच्छे दिन है भाई। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पेट्रोल और डीज़ल की कीमत जंगल में लगी किसी आग की तरह बढ़ती ही जा रही है. और इस आग की लपट से मध्यमवर्गीय हिन्दुस्तानियों के अरमान झुलस रहे हैं। बीते दिन राहुल गांधी ने एक पोस्ट शेयर किया था जिसमे उन्होंने जेट फ्यूल का पेट्रोल से सस्ता होने में ताज्जुब जताया था.
राहुल गांधी को शायद मालूम ना हो
ये बेहद गंभीर मुद्दा है-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 18, 2021
चुनाव-वोट-राजनीति से पहले आती हैं जनता की साधारण ज़रूरतें जो आज पूरी नहीं हो पा रहीं।
मोदी मित्रों के फ़ायदे के लिए जिस जनता को धोखा दिया जा रहा है, मैं उस जनता के साथ हूँ और उनकी आवाज़ उठाता रहूँगा।
Stop #TaxExtortion pic.twitter.com/MAGB1PDMcx
देश में सरकार चलाने वाले नेता बढ़ते पेट्रोल और डीज़ल के दाम में फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने का बहाना मारते हैं आम आदमी सरकार से सवाल कर रहा है कि आखिर देश की जनता को कबतक फ्री वैक्सीन का कर्ज चुकाना पड़ेगा। त्योहारी सीजन में सरकार ने एक तरह से जनता को महंगाई का तोहफा दिया है जिसे ना चाहते हुए भी लोगों को स्वीकार्य करना पड़ रहा है। राहुल गांधी का महंगाई के ऊपर सरकार को लेकर हमला करना समझ में आता है लेकिन जेट फ्यूल से पेट्रोल की तुलना करना बहुत अलग बात होती है।
ये जेट फ्यूल क्या है ( What Is Jet Fuel)
देखो भाई क्या है कि गैसोलीन (Gasoline) और जेट फ्यूल (Jet Fuel) एक ही चीज़ होती है। तकनीकी भाषा में पेट्रोल को गैसोलीन ही बोलते हैं वहीँ अमेरिका में भी कोई पेट्रोल को गैसोलीन ही बोला जाता है और वहां के पेट्रोलपंप को गैस स्टेशन कहा जाता है। आपको ये बता दें कि जेट फ्यूल क्रूड आयल का सबसे बेसिक बाइप्रोडक्ट होता है। जेट फ्यूल के 2 प्रकार होते हैं जेट A और जेट B , इन दोनों ईंधन को इनकी क्वालिटी और फ्रीजिंग पॉइंट के हिसाब से बांटा जाता है। जो जेट फ्यूल B होता है उसको सैन्य ऑपरेशन और बहुत ही ख़राब मौसम में इस्तेमाल किया जाता है जबकि जेट फ्यूल A का इस्तेमाल हवाई जहाज और फाइटर जेट में इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों ईंधन को ऐसे किसी भी कार में डाल के नहीं चलाया जा सकता।
कैसे बनता है जेट फ्यूल (How Jet is Made)
कच्चे तेल को रिफाइन करते वक़्त जेट फ्यूल और पेट्रोल को अलग कर लिया जाता है। इन दोनों में अंतर सिर्फ हाइड्रोकार्बन की मात्रा से होता है। पेट्रोल में 7 से 11 कार्बन एटम होते हैं जबकि जेट फ्यूल में १२ से 15 कार्बन एटम होते हैं। वैसे देखा जाए तो जेट फ्यूल काफी हद तक केरोसीन की तरह होता है।
पेट्रोल से सस्ता क्यों है जेट फ्यूल ( Why Jet Fuel is Cheaper than Petrol)
दरअसल देश में पेट्रोलियम पर सरकार एक दम कूटं कर मतलब की जान लगा कर टैक्स लगा देती है। क्रूड आयल को रिफाइन करने में जो खर्चा होता है वो मान लीजिये आप भी भरते हैं। कच्चे तेल को रिफाइन कर के उससे पेट्रोल,डीज़ल,जेट फ्यूल, केरोसीन,और एलपीजी,बनाई जाती है, जेट फ्यूल को रिफाइन करने में सबसे कम खर्चा होता है। जेट फ्यूल कोई बढ़िया रिफाइन किया हुआ ईंधन नहीं होता है जबकि पेट्रोल और डीज़ल ज़्यादा रिफाइन किए हुए ईंधन होते हैं। इसी लिए जेट फ्यूल पेट्रोल की तुलना में सस्ता होता है।




