
जम्मू-कश्मीर में बादल फटा: किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा पर गए 65 श्रद्धालुओं के शव मिलें, सैकड़ों लापता

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर करीब 12.30 बजे बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। यह घटना तब हुई जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए चसोटी गांव पहुंचे थे, जो यात्रा का पहला पड़ाव है। अचानक आए पानी और मलबे की चपेट में आने से कई बसें, टेंट और दुकानें बह गईं।
बचाव कार्य जारी, कई लोग गंभीर रूप से घायल
हादसे के बाद राहत और बचाव का काम तुरंत शुरू कर दिया गया। अब तक 167 लोगों को बचाया जा चुका है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राष्ट्रीय राइफल के जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अन्य एजेंसियां मिलकर बचाव अभियान चला रही हैं। किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज शर्मा ने बताया कि NDRF की दो और टीमें रास्ते में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आशंका जताई है कि मलबे में 500 से ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं।
हृदय विदारक मंजर, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, त्रासदी का मंजर बेहद डरावना था। मलबे में मिले कई शव खून से लथपथ थे, फेफड़ों में कीचड़ भर गया था और हड्डियां टूटी हुई थीं। स्थानीय लोगों, सेना के जवानों और पुलिस ने मिलकर घंटों की मशक्कत के बाद घायलों को कीचड़ से निकालकर अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचाया।
मचैल माता यात्रा और इलाके की भौगोलिक स्थिति
मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में होती है। यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है। चसोटी गांव, किश्तवाड़ शहर से करीब 90 किलोमीटर दूर है और पड्डर घाटी में स्थित है। इस इलाके के पहाड़ 1,818 मीटर से लेकर 3,888 मीटर तक ऊंचे हैं, जिस वजह से यहां ग्लेशियर और ढलानें हैं, जो पानी के बहाव को बहुत तेज कर देती हैं।
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