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जम्मू-कश्मीर: 14 में से 6 लोकल आतंकी ढेर, महीने भर से छुपा TRF कमांडर शाहिद कुट्टे भी मारा गया; सेना ने 'ऑपरेशन केलर' चलाकर मार गिराया

जम्मू-कश्मीर: 14 में से 6 लोकल आतंकी ढेर, महीने भर से छुपा TRF कमांडर शाहिद कुट्टे भी मारा गया; सेना ने ऑपरेशन केलर चलाकर मार गिराया
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जम्मू-कश्मीर के शोपियां और त्राल में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग सफल मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन TRF के टॉप कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे सहित जैश-ए-मोहम्मद के कुल 6 आतंकवादियों को मार गिराया है। आतंकियों के पास से भारी मात्रा में राशन, हथियार और कोडवर्ड में लिखी पर्चियां मिली हैं, जो पहलगाम हमले के बाद उनकी लंबी फरारी और बड़ी साजिश की तैयारी को दर्शाती हैं।

सुरक्षाबलों का कश्मीर में आतंकवाद पर करारा वार: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने पिछले कुछ दिनों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए दो बड़ी मुठभेड़ों में 6 दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराया है। इनमें लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) का चीफ ऑपरेशनल कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे भी शामिल है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद घाटी में तेज किए गए ऑपरेशनों का हिस्सा है। मारे गए आतंकियों के ठिकानों से जो सामान बरामद हुआ है, उससे उनकी लंबी फरारी और किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है।

'ऑपरेशन केलर': TRF कमांडर शाहिद कुट्टे और उसके साथियों का खात्मा

सुरक्षाबलों को 12 मई, 2025 की रात खुफिया जानकारी मिली कि तीन खूंखार आतंकी दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के घने केलर के जंगलों में एक हाइडआउट में छिपे हुए हैं। इस सूचना पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों ने मिलकर 'ऑपरेशन केलर' नाम से एक संयुक्त अभियान चलाया। 12 मई की देर रात जंगलों की घेराबंदी शुरू की गई। केलर का जंगल दक्षिण कश्मीर के सबसे घने जंगलों में से एक है और आतंकियों के छिपने के लिए मुफीद माना जाता है।

13 मई की सुबह करीब 9 बजे ऑपरेशन टीम को आतंकियों के हाइडआउट की सटीक लोकेशन मिल गई। सुरक्षाबलों द्वारा घेराबंदी किए जाने पर आतंकियों ने एके-47 राइफलों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी मारे गए। इनकी पहचान TRF के चीफ ऑपरेशनल कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे, अदनान शफी डार और एहसान अहमद शेख के रूप में हुई।

  • शाहिद अहमद कुट्टे का आतंकी प्रोफाइल: शोपियां के हीरपोरा का रहने वाला शाहिद अहमद कुट्टे महज दो साल के भीतर TRF का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बन गया था। वह मई 2024 में भाजपा से जुड़े सरपंच एजाज अहमद शेख की नृशंस हत्या के बाद चर्चा में आया था। इसके अलावा, 8 अप्रैल, 2024 को दो जर्मन पर्यटकों पर फायरिंग समेत कई अन्य आतंकी वारदातों में भी वह शामिल रहा था। सूत्रों के मुताबिक, शाहिद सीधे पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सज्जाद गुल के संपर्क में रहता था, जो कश्मीर में आतंकी वारदातों के लिए टारगेट देता था और नए रंगरूटों की भर्ती व घुसपैठ को नियंत्रित करता था।
  • अदनान शफी डार और एहसान अहमद शेख: मुठभेड़ में मारा गया 18 वर्षीय अदनान शफी डार शोपियां के जैनपोरा का रहने वाला था और करीब 6 महीने पहले ही आतंकी बना था। उसने 18 अक्टूबर, 2024 को बिहार के बांका जिले के अशोक चौहान नामक मजदूर की टारगेट किलिंग की थी। तीसरा आतंकी एहसान अहमद शेख दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के मुर्रन गांव का रहने वाला था और सुरक्षा एजेंसियां उसे पिछले 2 साल से तलाश रही थीं। वह कई साल पहले घर से गायब होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में ट्रेनिंग ले चुका था और घुसपैठ कर कश्मीर लौटा था। पहलगाम हमले के बाद एहसान के घर को भी सुरक्षाबलों ने ब्लास्ट कर तोड़ दिया था।
  • लंबी फरारी की तैयारी का खुलासा: आतंकियों के हाइडआउट की तलाशी में 2 AK-47 राइफलें, 10 मैगजीन, 500 से अधिक गोलियां, सेना जैसी दिखने वाली जैकेट और पाउच बरामद हुए। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उनके पास से एक महीने से अधिक का राशन (40 किलो चावल, 30 किलो चीनी, 3 किलो घी, 70 किलो आटा, 5 लीटर तेल आदि) और ड्राई फ्रूट्स के हिसाब-किताब की लिस्ट के साथ कई हाथ से लिखी पर्चियां मिलीं, जिन पर कोडवर्ड में कुछ लिखा था। इससे स्पष्ट होता है कि आतंकी पहलगाम हमले के बाद लंबे समय तक इन्हीं जंगलों में छिपकर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे और इसके लिए उन्होंने ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) नेटवर्क के जरिए रसद और पावर बैंक जैसा सामान जुटा लिया था।

त्राल मुठभेड़: जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी ढेर

इसके दो दिन बाद, 15 मई, 2025 को सुरक्षाबलों ने एक और खुफिया जानकारी के आधार पर दक्षिण कश्मीर के ही त्राल इलाके में एक मकान में छिपे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तीन आतंकियों को मार गिराया। इन आतंकियों की पहचान आमिर नजीर वानी, यावर अहमद भट और आसिफ शेख के रूप में हुई है। सुरक्षाबलों ने इन्हें ढूंढ निकालने के लिए ड्रोन की मदद ली और सटीक ऑपरेशन में तीनों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ से पहले आतंकी आमिर नजीर वानी का एक 23 सेकेंड का ऑडियो-वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह फोन पर अपनी मां से बात कर रहा है। वीडियो में उसकी मां उसे कश्मीरी में सरेंडर करने के लिए कह रही है, जिस पर वह जवाब देता है, "सेना को आगे आने दो, फिर देखता हूं।"

सुरक्षाबलों की वांटेड लिस्ट में थे ये सभी आतंकी

खुशी की बात यह है कि इन दोनों मुठभेड़ों में मारे गए सभी 6 आतंकी सुरक्षाबलों द्वारा 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद जारी की गई जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 14 स्थानीय आतंकियों की सूची में शामिल थे। इस लिस्ट में आतंकियों की कैटेगरी भी बताई गई थी। एहसान अहमद शेख और अदनान शफी 'C' कैटेगरी के आतंकी थे, यानी उन्होंने हाल ही में आतंकी संगठन ज्वाइन किया था। जबकि शाहिद अहमद कुट्टे लश्कर के प्रॉक्सी TRF का दक्षिण कश्मीर में चीफ ऑपरेशनल कमांडर और 'A' कैटेगरी का आतंकी था, जो सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में सबसे ऊपर होते हैं।

शहीद सरपंच एजाज अहमद की पत्नी शबनम का छलका दर्द

TRF कमांडर शाहिद अहमद कुट्टे भाजपा सरपंच एजाज अहमद शेख की हत्या (18 मई, 2024) का मुख्य आरोपी था। एजाज अहमद की पत्नी शबनम अपने तीन बच्चों के साथ शोपियां में ही रहती हैं। उनकी सबसे छोटी बेटी करीब डेढ़ साल की है। शबनम ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "इस एनकाउंटर से मेरी तकलीफ तो कम नहीं हुई। वे (एजाज) ही नहीं रहे तो फिर मैं क्या करूं। अब दुश्मन मरेगा, तो भी उनकी कमी पूरी नहीं होगी। ये बच्चे बेसहारा हो चुके हैं। कोई पूछने वाला नहीं है।"

उन्होंने बताया कि उनके बच्चे बार-बार अपने पिता के बारे में पूछते हैं और वह उनसे झूठ बोल देती हैं कि वे हज करने गए हैं। शबनम ने यह भी बताया कि एजाज साहब की हत्या के समय उनकी छोटी बेटी सिर्फ 4 महीने की थी। हत्या के बाद सभी पार्टियों के नेता घर आए थे और भाजपा के नेताओं ने 3 दिन में नौकरी देने का वादा किया था, जो एक साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ।

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