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अरुणाचल में भारत चीन सेना के बीच झड़प का मुद्दा संसद पहुंचा! सरकार और विपक्ष के बीच नोकझोक हुई

अरुणाचल में भारत चीन सेना के बीच झड़प का मुद्दा संसद पहुंचा! सरकार और विपक्ष के बीच नोकझोक हुई
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9 दिसंबर को अरुणाचल LAC में 600 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी, भारत के जवानों ने उनकी हड्डियां तोड़ डाली

अरुणाचल में भारत चीन सैनिकों की झड़प: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 600 चीनी सैनिकों ने भारत की सरहद में घुसपैठ की, जवाब में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की हड्डियां तोड़ डाली। अब यह मुद्दा संसद तक पहुंच गया है. विपक्ष ने मोदी सरकार को लपेटे में लिया है. मंगलवार को भारत चीन सीमा विवाद को लेकर खूब हंगामा मचा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे घटना का जवाब दिया, उन्होंने कहा - 9 दिसंबर को PLA ट्रुप्स तवांग में LAC का उल्लंघन कर चीन ने नियम तोड़े हैं. भारतीय सेना ने PLA के अतिक्रमण को रोका और उन्हें उनके पोस्ट तक खदेड़ दिया। इस झड़प में दोनों देशों के सैनिकों को चोटे आई हैं, हमले में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. समय से हमने उन्हें भारतीय सरहद में आने से रोका है. इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा।

भारत चीन झड़प का पूरा मामला

मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष भारत चीन सीमा विवाद और अरुणाचल में हुई झड़प को लेकर पीएम मोदी से जवाब मांगने लगा. वहीं राजयसभा में भी सांसदों ने मोदी सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तवांग झड़प का मुद्दा उठाते हुए कहा- चीन ने तवांग में हमारी सीमा के अंदर घुसपैठ की है, यह गंभीर मामला है.

राजनाथ सिंह ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग

सरकार ने सदन में कहा कि राजनाथ सिंह इस बारे में अपना बयान देंगे। संसद की करवाई शुरू होने से पहले रक्षा मंत्री ने अपने घर में हाई लेवल मीटिंग बुलाई। जिसमे फॉरेन मिनिस्टर एस. जयशंकर, CDS लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत तमाम अधिकारियों ने जानकारी दी।

सभी विपक्ष पार्टियों ने इस मुद्दे पर तत्काल बहस करने की मांग उठाई है

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं

AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव देश की किसी गंभीर समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है।

ओवैसी ने कहा पहले क्यों नहीं बताया

इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को घेरते हुए पुछा है कि जब घटना 9 दिसंबर की है, इस दौरान संसद चल रहा था फिर भी सरकार ने ये बात अबतक क्यों छिपाई? हमें तीन दिन बाद मालूम हुआ है कि हमारे सैनिक घायल हुए हैं. मुझे सेना पर पूरा यकीन है मगर देश कमजोर लीडरशिप के हाथ में है. मोदी सरकार चीन का नाम लेने से घबराती है.



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