
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: अगर युद्ध हुआ तो कितनी चुकाने पड़ेगी दोनों देशो को कीमत? चलिए जानते है...

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों के लिए युद्ध की संभावित लागत और आर्थिक प्रभाव पर एक विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत है। जानिए सीमित संघर्ष से लेकर पूर्ण युद्ध तक के संभावित परिणाम।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: युद्ध की वास्तविक लागत
सीमित संघर्ष की आर्थिक लागत
यूएई स्थित फॉरेन अफेयर्स फोरम के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच एक सीमित सैन्य संघर्ष से भारत को प्रतिदिन लगभग 1.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹1.34 लाख करोड़) का नुकसान हो सकता है। इसमें पूंजी का बहिर्वाह, मुद्रा अवमूल्यन और व्यापार में गिरावट जैसी घटनाएँ शामिल हैं।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव
पाकिस्तान की मुद्रा पहले से ही कमजोर है और युद्ध की स्थिति में यह 285 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकती है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच औपचारिक व्यापार, जिसका मूल्य लगभग 1.2 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष है, पूरी तरह से बंद हो सकता है।
व्यापार और निवेश पर प्रभाव
भारत-पाकिस्तान व्यापार
पुलवामा हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जिससे पाकिस्तान के निर्यात प्रभावित हुए। हालांकि, भारत के लिए व्यापार प्रभाव सीमित हो सकता है क्योंकि भारत पाकिस्तान से लगभग कुछ भी आयात नहीं करता है।
विदेशी निवेश पर असर
हालांकि हालिया संघर्षों के बावजूद, भारत में विदेशी निवेश में गिरावट नहीं आई है। अप्रैल और मई 2025 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में $1.5 बिलियन का निवेश किया है। भारत की मजबूत जीडीपी वृद्धि दर और मजबूत घरेलू खपत निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
शेयर बाजार की स्थिति
पाकिस्तान का शेयर बाजार
हालिया संघर्षों के बाद, पाकिस्तान के कराची स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 6,500 अंकों की गिरावट आई है। इसके विपरीत, भारत के शेयर बाजार अपेक्षाकृत स्थिर बने रहे हैं।
जल विवाद और संभावित परिणाम
सिंधु जल समझौते का निलंबन
भारत ने हाल ही में सिंधु जल समझौते को निलंबित करने की धमकी दी है, जिससे पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत फिलहाल जल प्रवाह को पूरी तरह से रोकने की स्थिति में नहीं है, लेकिन मानसून के दौरान महत्वपूर्ण बाढ़ डेटा को रोकने से तनाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य संघर्ष दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। हालांकि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत है, लेकिन युद्ध की स्थिति में दीर्घकालिक आर्थिक नुकसान हो सकता है। दोनों देशों को संयम और कूटनीति के माध्यम से तनाव कम करने की आवश्यकता है।