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भारत में कोरोना का बढ़ता कहर: 1010 एक्टिव केस, 9 मौतें, बिहार में भी पहला मामला; 4 नए वैरिएंट्स की पुष्टि, JN.1 सबसे आम

भारत में कोरोना का बढ़ता कहर: 1010 एक्टिव केस, 9 मौतें, बिहार में भी पहला मामला; 4 नए वैरिएंट्स की पुष्टि, JN.1 सबसे आम
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भारत में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले एक बार फिर बढ़कर 1010 हो गए हैं, और हालिया दिनों में 9 लोगों की मौत भी दर्ज की गई है, जिनमें से कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे। सोमवार को बिहार में भी संक्रमण का पहला मामला सामने आया।

भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे देश में कुल सक्रिय (एक्टिव) मामलों की संख्या बढ़कर 1010 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केरल 430 सक्रिय मामलों के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। इसके बाद महाराष्ट्र में 209, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 104, गुजरात में 83 और कर्नाटक में 47 सक्रिय मामले हैं। उत्तर प्रदेश में भी 15 कोरोना मरीज उपचाराधीन बताए जा रहे हैं। यह आंकड़े संक्रमण के पुनः सिर उठाने की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

सोमवार को ताजा मामले और मौतें

बिहार में पहला केस: बिहार राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया, जहां पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक डॉक्टर और एक अन्य 31 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई है।

पश्चिम बंगाल में वृद्धि: पश्चिम बंगाल में चार और लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसके बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

जयपुर में दो मौतें: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार को कोरोना संक्रमण से दो लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक व्यक्ति जयपुर रेलवे स्टेशन पर मृत अवस्था में पाया गया था, जिसकी बाद में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं, एक अन्य 26 वर्षीय युवक की, जो पहले से ही टीबी की गंभीर बीमारी से पीड़ित था, एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान कोविड संक्रमण से मृत्यु हो गई।

अब तक 9 लोगों की मौत

कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बीच देश में अब तक कुल 9 लोगों की जान जा चुकी है। जयपुर में सोमवार को हुई दो मौतों के अतिरिक्त, इससे पहले रविवार (25 मई) को महाराष्ट्र के ठाणे स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज कलवा अस्पताल में एक 21 वर्षीय कोविड संक्रमित मरीज की मृत्यु हो गई थी। यह युवक 22 मई से अस्पताल में उपचाराधीन था। महाराष्ट्र राज्य में इस ताजा लहर में यह चौथी मौत बताई जा रही है। इससे पूर्व, 17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 84 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की विभिन्न अंगों के काम करना बंद कर देने (मल्टी ऑर्गन फेल्योर) से मृत्यु हुई थी; उनकी कोविड रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई थी। केरल राज्य में भी हाल के दिनों में 2 लोगों की कोविड से मौत की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इनमें से अधिकांश मृतकों को पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियां (सह-रुग्णता) भी थीं, जिससे उनकी स्थिति अधिक जटिल हो गई।

ICMR द्वारा देश में 4 नए कोरोना वैरिएंट्स की पुष्टि

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया है कि देश में कोविड-19 के चार नए वैरिएंट्स की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण और पश्चिम भारत से एकत्र किए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में LF.7 सीरीज, XFG सीरीज, JN.1 सीरीज और NB.1.8.1 सीरीज के वैरिएंट पाए गए हैं। देश के अन्य हिस्सों से भी नमूने एकत्र कर उनकी गहन सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि इन नए वैरिएंट्स के प्रसार की सही स्थिति का पता लगाया जा सके। डॉ. बहल ने यह भी कहा कि वर्तमान में सामने आ रहे मामले बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं हैं और आम लोगों को अत्यधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि सतर्कता बरतना और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना अनिवार्य है।

नए वैरिएंट्स की प्रकृति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फिलहाल इन नए पाए गए वैरिएंट्स (LF.7, XFG, NB.1.8.1) को 'चिंताजनक वैरिएंट' (Variant of Concern - VoC) की श्रेणी में शामिल नहीं किया है। हालांकि, इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इन्हें 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' (Variant under Monitoring - VUM) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि चीन सहित एशिया के कुछ अन्य देशों में हाल ही में कोविड के मामलों में जो वृद्धि देखी गई है, उनमें यही वैरिएंट प्रमुख रूप से पाए जा रहे हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, विशेष रूप से NB.1.8.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे कुछ विशिष्ट म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) पाए गए हैं। ये म्यूटेशन इस वैरिएंट को अन्य मौजूदा वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलने और शरीर की विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली (वैक्सीन या पूर्व संक्रमण से प्राप्त) को कुछ हद तक चकमा देने में सक्षम बना सकते हैं।

JN.1 वैरिएंट: भारत में सबसे आम

वर्तमान में भारत में कोविड-19 का JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक प्रचलित और आम है। हाल ही में की गई टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग में आधे से अधिक (50% से अधिक) सैंपलों में इसी वैरिएंट की उपस्थिति पाई गई है। JN.1 वास्तव में ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वैरिएंट का ही एक उप-वंश (स्ट्रेन) है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। अपनी तीव्र प्रसार क्षमता के कारण दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (VoI) घोषित किया था। JN.1 में लगभग 30 अतिरिक्त म्यूटेशन हैं जो इसे इम्यूनिटी को कमजोर करने और संक्रमण को अधिक सुगमता से फैलाने में सहायता करते हैं।

अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वैरिएंट अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से और तेजी से प्रसारित होता है, लेकिन यह आमतौर पर बहुत गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण नहीं बनता है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 से संक्रमित होने पर लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बने रह सकते हैं। यदि लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो यह 'लॉन्ग कोविड' की स्थिति हो सकती है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण पूर्ण रिकवरी के बाद भी व्यक्ति को परेशान करते रहते हैं। JN.1 के अतिरिक्त, भारत में BA.2 (लगभग 26 प्रतिशत मामले) और ओमिक्रॉन के अन्य सबलाइनेज (लगभग 20 प्रतिशत मामले) भी सक्रिय रूप से संक्रमण फैला रहे हैं।

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