राष्ट्रीय

आवारा पशु पर लगाम लगाने सरकार का बड़ा फैसला

Governments big decision to rein in stray animals
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आवारा पशुओं का व्याप्त संकट किसानी के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। दिन-रात की मेहनत के बाद भी किसान अपनी फसल को सुरक्षित नहीं कर पा रहा है।

आवारा पशुओं का व्याप्त संकट किसानी के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। दिन-रात की मेहनत के बाद भी किसान अपनी फसल को सुरक्षित नहीं कर पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण आवारा पशु है। लेकिन इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बहुत बड़ा निर्णय लिया है। अगर किसानों ने इमानदारी से सहयोग किया तो अवश्य ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।

विधानसभा में किया गया प्रश्न

उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा के विधायक अवधेश प्रसाद ने प्रश्नकाल के दौरान द्वारा आवारा पशुओं से जुड़ा प्रश्न किया। उन्होंने पूछा की सरकार आवारा पशुओं की समस्या को लेकर क्या योजना बना रही है। मारे गए लोगों के मुआवजे के संबंध में प्रश्न किया था। इस पर सरकार ने खूब जवाब दिया।

पशुपालन मंत्री ने बताया

आवारा पशुओं के संबंध में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा की कसाई और किसान में अंतर है। हम किसानों का ध्यान रखेंगे कसाईयो का ध्यान नहीं रखेंगे। आवारा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान की रोकथाम के लिए पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत दूध खाकर दूध देना बंद करने के बाद जिन गायों और बछड़ों को खुला छोड़ दिया जाता है अब उन पर कार्यवाही होगी। किसानों ने सहयोग दिया तो दूध खाकर आवारा छोड़ देने वाले गायों के पशुपालकों पर एफ आई आर दर्ज की जाएगी।

उन्होंने बताया कि गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो पशुपालक बछड़ा सहित गाय को छोड़ देते हैं। पशुपालन मंत्री का यह भी कहना था कि यह आवारा पशु नहीं है। है किसी ने छोड़ा है। ऐसा नहीं है कि लोगों को यह जानकारी नहीं है कि इन्हें किसने छोड़ा है।

लोग जानते हैं अगर सभी सहयोग करें तो ऐसे लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की करवाई की जाएगी। उन पर कार्यवाही होगी। कार्यवाही भी पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत करने के लिए प्रदेश के हर थाना प्रभारी को कहा गया है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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