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GK in Hindi: हरी स्याही से हस्ताक्षर कौन, कब और किस दस्तावेज पर कर सकता है, आइए जाने

GK in Hindi: हरी स्याही से हस्ताक्षर कौन, कब और किस दस्तावेज पर कर सकता है, आइए जाने
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GK in Hindi: हरी स्याही से हस्ताक्षर कौन, कब और किस दस्तावेज पर कर सकता है! Who, when and on which document can sign with green ink

GK in Hindi: आपने भी अगर कभी कार्यालय की नोटशीट देखी होगी तो उसमें हरे रंग की कलम से किया गया हस्ताक्षर दिखा होगा। वही नोट शीट पर लाल रंग के पेन से किया गया हस्ताक्षर भी देखा होगा। परंतु नीले रंग के कलम से किया गया हस्ताक्षर आमतौर पर देखने को मिल जाता है। आखिर अलग-अलग रंगों से किया जाने वाला हस्ताक्षर क्या प्रदर्शित करता है। इस संबंध में अवश्य ही लोगों के दिमाग में कई प्रश्न कौधते होंगे। आइए आज हम इस संबंध में जानकारी लें।

हरे रंग की पेन का उपयोग

हरे रंग की पेन (Green Pen) का उपयोग अधिकारी करते हैं। लेकिन उनके द्वारा भी हरे रंग की कलम का उपयोग आम हस्ताक्षर के दौरान नहीं किया जाता। किसी भी निर्णायक दस्तावेज में निर्णय देने वाला सक्षम अधिकारी हरे रंग की स्याही वाली पेन से दस्तखत करेगा। यह तहसील या फिर देश के किसी भी बड़े पद का हो सकता है।

नहीं है कोई नियम

जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि अलग-अलग रंग के स्याही से दस्तखत करने या नोटशीट लिखने के संबंध में कोई वैधानिक नियम नहीं है। व्यवहारिक कार्य के अनुसार अलग-अलग रंग के पेन का उपयोग प्रचलन में है। उदाहरण स्वरूप 1999 इस्पात संयंत्र के एक फाइल पर जूनियर अधिकारी द्वारा हरे रंग की स्याही से टिप्पणी लिखी गई थी। जिसके बाद हरे रंग की स्याही का उपयोग करने पर विवाद उत्पन्न हो गया। जिस पर विभागीय जांच शुरू हो गई। बताया जाता है कि 18 महीने चली जांच के बाद कोई भी नतीजा नहीं निकला। नियमों की पड़ताल करने पर पता चला कि किसी प्रकार का कोई नियम नहीं है।

लेकिन इसके बाद वर्ष 2000 में एक नियम बनाया गया जिसके तहत हरे रंग की स्याही का उपयोग हस्ताक्षर करने में ज्वाइंट सेक्रेट्री या फिर उससे ऊपर के अधिकारी ही कर सकते हैं। इस नियम के प्रचलन हो जाने के बाद लोगों द्वारा बरती जाने लगी।

हरी स्याही बनी मुसीबत

वर्ष 2014 में सरकारी दस्तावेजों डिजिटलाइजेशन हो रहा था। जिसमें कई दस्तावेजों को स्कैन करने की आवश्यकता हुई। लेकिन बताया जाता है कि कंप्यूटर स्कैनर हरे रंग की स्याही को नहीं पढ़ पा रहा था। इसकी वजह से कई ऐसे नोटशीट लिखी गए थे जिनमें लाल रंग, नीले रंग और हरे रंग के पेन का उपयोग किया गया था। लेकिन स्कैनिंग के समय स्केनर लाल और नीले रंग को पढ़ लेता था लेकिन हरे रंग कोई स्कैन नहीं कर पा रहा था।

ऐसे में स्कैनिंग की प्रक्रिया प्रभावित हुई। इस समस्या के बाद एक बार फिर यह निश्चित किया गया कि नीले रंग की स्याही से लिखे नोटशीट लिखने में उपयोग किया जाए। हरे रंग की इंक वाली पेन का उपयोग प्रतिबंधित किया गया।

किस रंग की स्याही का किसमें उपयोग

नीले रंग की इंक वाली पेन का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी नीले रंग की कलम से ही किया जाता है। यह प्रक्रिया काफी समय से चली आ रही है। बीच-बीच में नोटसीट में नोट डालने और हस्ताक्षर करने में बड़े अधिकारी लाल या हरे रंग की पेन का उपयोग किया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह चलन समाप्त हुआ क्योंकि इसके लिए कोई स्पष्ट निर्देश कहीं भी लिखित तौर पर नहीं है।

वर्ष 2014 में कंप्यूटर का समय आने पर संशोधित कर केवल नीले कलम का ही उपयोग करने का नियम बना दिया क्या। क्योंकि डिजिटल पेपर तैयार करने में नीले रंग के लिखे हुए दस्तावेजों की स्कैनिंग बड़ी ही सहजता से और स्पष्ट होती है।

लाल शाही का उपयोग आमतौर पर दस्तावेजों की जांच करने में किया जाता है। सबसे ज्यादा इसका लाल स्याही वाली पेन का उपयोग शिक्षक और दस्तावेज की जांच करने वाले अधिकारियों द्वारा किया जाता है। लाल रंग अपने आप में बिल्कुल अलग और स्पष्ट देखें इस वजह से कागजों में ज्यादातर अधिकारी लाल रंग का उपयोग करते थे। वहीं शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में उत्तर पुस्तिका में अंक लिखा करते है।

काले रंग की स्याही वाले पेन का उपयोग ऐसे पत्र एवं परिपत्र में किया जाता था जिनकी छाया प्रति करवानी हो। यह फोटोकॉपी मशीन के आ जाने के बाद ज्यादातर प्रचलन में आया। क्योंकि कॉलिंग से लिखे हुए दस्तावेजों की फोटो काफी स्पष्ट होती है। अपेक्षाकृत नीले या फिर अन्य रंग के लिखे हुए दस्तावेजों से। पूर्व समय में जब फोटो कॉपी की मशीन नहीं थी उस समय दस्तावेजों की कई प्रति बनाने के लिए कार्बन का उपयोग किया जाता था। लेकिन फोटो कॉपी मशीन के आ जाने के बाद काले रंग की पेन से लिखे हुए पत्र की कॉपी बहुत ही आसानी से की जाने लगी है।

हरे रंग की स्याही का उपयोग दस्तावेज में प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव को मंजूर करने की स्थिति में किया जाता है। इन दस्तावेजों का उपयोग कोई भी सक्षम निर्णायक अधिकारी ही करता है। लेकिन शासकीय दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन होने में हरे रंग की इंक से लिखे हुए नोट या फिर हस्ताक्षर स्कैन नहीं हो पाते। ऐसे में वर्ष 2014 में जब डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू हुआ आ रही समस्या को देखते हुए हरे रंग की कलम का उपयोग बंद कर दिया गया।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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