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Electricity Bill: अब एलपीजी की तरह हर महीने बदलेगा बिजली का रेट, आम आदमी पर बढ़ेगा भार

Electricity Bill: अब एलपीजी की तरह हर महीने बदलेगा बिजली का रेट, आम आदमी पर बढ़ेगा भार
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Electricity Rates: बढ़ने वाले बिजली के बिल (Electricity Rates) का सीधा असर अब उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है।

Electricity Rates: अब डीजल पेट्रोल और एलपीजी (LPG) की तरह बिजली के मूल्य का निर्धारण महीने में होगा। एक ओर डीजल-पेट्रोल की कीमत (Petrol-Diesel Price) जहां हर दिन तय होती है। वहीं एलपीजी की कीमत (LPG Price) महीने में तय की जाती है। अब इसी तरह बिजली की कीमत भी हर महीने तय होगी। यह व्यवस्था बहुत जल्दी लागू होनें वाली है। बढ़ने वाले बिजली के बिल (Electricity Bill) का सीधा असर अब उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है। क्योंकि विद्युत उत्पादक कंपनियों का कहना है कि विद्युत उत्पादन में लगने वाला कोयला तेल और गैस की कीमत बढ़ती घटती है। उन्हें नुकसान हो रहा है।

उपभोक्ताओं से होगी वसूली

विद्युत उत्पादक ग्रहों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन जैसे कोयला, डीजल और गैस की कीमत बढ़ती घटती रहती है। ऐसे में विद्युत उत्पादन महंगा हो जाता है। अब बहुत जल्दी नियमों में संशोधन के बाद बिजली की कीमत हर महीने तय की जाएगी। जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। उपभोक्ता महंगाई की मार से लगातार परेशान हैं अब एक बार फिर बिजली की यह नई व्यवस्था लागू होने से अवश्य ही महंगाई बढ़ेगी।

विद्युत विधेयक नहीं हुआ पास तो सरकार ने उठाया यह कदम

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा संसद के मानसून सत्र में विद्युत विधेयक 2022 लाया गया था लेकिन वह पास नहीं हुआ। इस कारण सरकार ने विनियमो में संशोधन के जरिए नए प्रावधान लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। सरकार के इस फैसले का असर सीधे-सीधे देश की गरीब जनता पर बढ़े हुए बिजली दर के रूप में पड़ेगा।

राज्यों को भेजा गया मसौदा

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा 12 अगस्त को एक मसौदा तैयार कर राज्य सरकारों के पास भेजा है। इस मसौदे में 14 तरह के प्रावधान निश्चित किए गए हैं। इस मसौदे में 11 सितंबर तक राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं। माना जा रहा है कि 11 सितंबर के बाद विनिमय को अंतिम रूप देकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

अधिसूचना के जारी होने के 90 दिन बाद यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। संसद में रखे गए विद्युत संशोधन विधायक 2022 की धारा 61 जी मैं यह प्रावधान किया गया है कि बिजली कंपनियां पूरी आपूर्ति लागत उपभोक्ताओं से वसूल करेंगी।

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