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नए वर्ष में 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम, जानें क्यों

Sanjay Patel
9 Dec 2022 6:57 AM GMT
नए वर्ष में 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम, जानें क्यों
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इलेक्ट्रिक वाहनों पर महंगाई की मार पड़ सकती है। घरेलू बाजार में साल भर के अंदर बैटरियों के दाम 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए हैं। जिसका असर इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पर भी पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर महंगाई की मार पड़ सकती है। घरेलू बाजार में साल भर के अंदर बैटरियों के दाम 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए हैं। जिसका असर इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पर भी पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम 7-10 प्रतिशत तक बढ़ाए जा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष दुनिया भर में लिथियम आयन बैटरी पैक औसतन 7 प्रतिशत महंगे हुए हैं।

बैटरी संबंधी नियम हुए सख्त

इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़े सूत्रों की मानें तो ऐसे वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही थीं जिसके चलते सरकार ने बैटरी संबंधी नियमों को सख्त कर दिया है। नए वर्ष से बैटरियों की टेस्टिंग के लिए एआईएस स्टैण्डर्ड लागू हो जाएगा। जिसके तहत बैटरियों की टेस्टिंग की जाएगी। जबकि बीएमएस, आईसी जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और बैटरी में इस्तेमाल होने वाले खनिजों के दाम भी महंगे हो गए हैं। घरेलू बाजार की बात की जाए तो गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बैटरियों के दाम भी बढ़ गए हैं। इस वर्ष जो बैटरी 14 हजार 800 से 18 हजार 900 रुपए में मिल रही है उसकी कीमत बीते वर्ष 11 हजार 700 रुपए से 12 हजार 900 रुपए तक थी।

मैन्युफैक्चरिंग लागत तक बढ़ी

बैटरी महंगी होने से इलेक्ट्रिक वाहन खासतौर पर दुपहिया कंपनियों की लागत में इजाफा हुआ है। जो लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। ऑटोमोबाइल सूत्रों के मुताबिक वाहन की कीमत में बैटरी की हिस्सेदारी 45 से 50 प्रतिशत तक रहती है। मांग में कमी की वजह से इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियां इसका पूरा बोझ कस्टमर पर डालने से बच रही हैं। वहीं लिथियम, कोबाल्ड, निकिल जैसे खनिज भी महंगे हो गए हैं। इतना ही नहीं बैटरी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के दाम भी बढ़ गए हैं। जिससे ईवी की कीमतें बढ़ाना कंपनियों की मजबूरी बन गई है। जिसके चलते नए वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम बढ़ाए जाने के आसार बन रहे हैं।

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