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क्या सच में शाहजहां ने कटवाए थे ताजमहल बनवाने वाले मजदूरों के हाथ? ये रहा सच!

क्या सच में शाहजहां ने कटवाए थे ताजमहल बनवाने वाले मजदूरों के हाथ? ये रहा सच!
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उत्तर-प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल को लेकर कई तरह की बातें प्रचलित है.

आगरा। पयर्टको के बीच अपनी पैठ रखने वाला आगरा के ताज महल को लेकर कई तरह की बातें समय-समय पर सामने आती रही है। उनमें से यह भी बात उड़ती रही कि ताजमहल को बनाने वाले कारीगरों के हाथ शाहजंहा ने कटवा दिए थे, जबकि इसके उलट बातें सामने आई है।

कहां जाता है कि शाहजंहा ने उक्त कारीगरों को इतना मालामाल कर दिया था कि इन्हे अब कहीं भी काम करने की जरूरत न पड़े और वे दुसरा ताजमहल न बना सकें। इतिहास कारो की माने तो शाहजंहा ने उक्त कारीगरों को उम्र भर की पूरी पगार दे दिए थें और बदले में उनसे वादा लिए थें कि वे अब कहीं भी काम नही करेगे।

शिवमंदिर की आई बात

यह भी बातें सामने आई कि ताजमहल एक शिव मंदिर है और इसे राजपूत राजा ने बनवाया था, जबकि आर्कियोलॉजिकल सर्वे में यह बाते सामने आई थी कि ताजमहल में मंदिर बनाने जैसी कोई बातें सामने नही आई है। शाहजंहा के द्वारा ही इसे बनवाएं जाने जैसी बातें इतिहास में दर्ज है।

क्या दो ताजमहल बनवाना चाहते थें

यह बातें समय-समय पर आती रही है कि शाहजंहा एक काला और एक सफेद ताज महल बनवा कर उन्हे एक पुल से जोड़ना चाहते थे, जबकि इतिहासकारों का मानना है कि न तो ऐसे किसी पुल के कोई सबूत मिलते है और न ही काले ताजमहल की कोई जानकारी। यह महज अफवाह मानी जा रही है।

क्या पानी में डूब गया था ताज महल

यह भी बाते सामने आती रही है कि 1900 वी सदी में ताज महल यमुना नदी में डूब गया था और इसके बाद इसमें दरारें आ गई थी, जबकि एएसआई के रिकार्ड में बताया गया है कि ताजमहल कभी भी यमुना नदी में डूबा ही नही है और न ही उसमें कोई दरारे आई है।

क्या ताज महल रंग बदलता है

यह भी बातें आती रही है कि ताज महल अपना रंग बदला है, जबकि जानकारी में यह बातें सामने आई है कि रंग बदलना महज कल्पना मात्र है। यह जरूर है कि सूरज की किरणों की पढ़ने पर यह सुनहरा नजर आता है।

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