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कोरोना से मौत पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा, जानिए आवेदन की पूरी प्रोसेस

कोरोना से मौत पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा, जानिए आवेदन की पूरी प्रोसेस
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कोरोना से मौत पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा, जानिए आवेदन की पूरी प्रोसेस

कोरोना के संक्रमण से जिन लोगों के अपनों ने जान गवाई है, उन्हें केंद्र सरकार मुआवजा देने की तैयारी कर ली है.
कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण के चलते अभी तक देश भर में 4 लाख 46 हजार 368 लोगों की मौत हो चुकी है. अब केंद्र सरकार ने कोरोना से हुई मौत के मामलों में मृतकों के परिजनों को मुआवजा (Compensation) राशि देने की रूप रेखा तैयार कर ली है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) को बताया है कि सरकार ऐसे लोगों को 50 हजार का मुआवजा देगी, जिनकी मौत की वजह COVID-19 बना है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (NDMA) ने जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (DDMA) को मुआवजा राशि देने के लिए अधिकृत किया है. मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए मृतक के डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण 'कोरोना (COVID-19)' लिखा होना अनिवार्य होगा.

बता दें सुप्रीम कोर्ट ने ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (NDMA) को कोरोना से हुई मौत के लिए दिए जाने वाले मुआवजा को लेकर गाइडलाइन्स बनाने के लिए कहा था. इसके बाद कुछ दिनों पहले ही सरकार के कोरोना से हुई मौत के लिए परिभाषा तैयार की थी.

क्या कहा है सुप्रीम कोर्ट ने...

जून माह में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एनडीएमए को आदेश दिया था कि वो कोरोना की वजह से मरने वालों के परिजनों को मुआवजे के भुगतान के लिए गाइडलाइन बनाए. इसके लिए NDMA को सुप्रीम कोर्ट ने 6 माह का समय दिया था. मुआवजे की रकम और रूप रेखा सब कुछ NDMA के ही जिम्मे था.
इसी के बाद NDMA ने ये गाइडलाइन बनाई. बुधवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोना से मौत पर परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा.

क्या है NDMA की गाइडलाइन्स में...

  • सबसे पहले कोरोना की पुष्टि होना जरूरी है. उन मामलों को ही कोरोना केस माना जाएगा, जिनमें मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान या घर पर ही RT-PCR टेस्ट, मॉलिकुलर टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट या क्लिनिकल जांच के जरिए कोरोना पॉजिटिव घोषित किया गया हो.
  • उन मामलों में मौत को कोरोना से हुई मौत माना जाएगा, जिनमें कोरोना ठीक नहीं हुआ हो और जिसकी वजह से घर या अस्पताल में मरीज की मौत हो जाए.
  • इसके साथ ही जन्म और मृत्यु को रजिस्टर करने वाली अथॉरिटी (जैसे नगर निगम आदि) की तरफ से जन्म-मृत्यु पंजीकरण (RBD) एक्ट, 1969 के तहत मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) जारी किया गया हो.
  • ऐसे मामलों में भी कोरोना से मृत्यु मानी जाएगी, जिनमें कोरोना पॉजिटिव आने के 30 दिन के भीतर अस्पताल या घर पर मृत्यु हुई हो.
  • कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद जहर देने, आत्महत्या, हत्या या हादसा आदि से होने वाली मौत को "कोरोना से मृत्यु" नहीं माना जाएगा.

मुआवजा किसे मिलेगा?

NDMA के मुताबिक, कोरोना से हुई मौत के बाद मुआवजा मृतक के परिजन को दिया जाएगा. आवेदन के 30 दिन के भीतर (अगर दस्तावेज सही पाए जाते हैं) परिजन के आधार से लिंक बैंक अकाउंट में सीधे मुआवजे की राशि भेज दी जाएगी.

आवेदन करने की प्रोसेस क्या होगी?

  • जिला प्रशासन या जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (DDMA) की तरफ से जारी एक फॉर्म भरकर आवेदन करना होगा.
  • इस फॉर्म पर आवेदन के साथ लगने वाले सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स की भी जानकारी देनी होगी. डॉक्युमेंट्स में सबसे जरूरी कोरोना से हुई मौत का डेथ सर्टिफिकेट (COVID-19 Death Certificate) होगा. साथ ही मृतक और जिसे मुआवजा मिलना है, उसका आधार कार्ड (Aadhaar Card) भी देना होगा
  • ये आवेदन आप कलेक्ट्रेट कार्यालय (Collector Office) या जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (DDMA) ऑफिस में जमा कर सकते हैं.

सरकार ने इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, चीफ मेडिकल ऑफिसर, एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर (अगर जिले में है तो) और सब्जेक्ट एक्सपर्ट शामिल होंगे. ये कमेटी ही आवेदन की जांच करेगी और इस पूरी प्रक्रिया में आ रही शिकायतों का निपटारा भी करेगी. ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने जिले के इन अधिकारियों से बात कर सकते हैं.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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