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महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग काफी शुभदायी, दर्शन मात्र से मनोकामना होगी पूर्ण

Sanjay Patel
11 Feb 2023 10:10 AM GMT
महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग काफी शुभदायी, दर्शन मात्र से मनोकामना होगी पूर्ण
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Mahashivratri News: महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार शनि प्रदोष का भी संयोग बन रहा है जो काफी शुभदायी रहेगा। इस वर्ष का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार शनि प्रदोष का भी संयोग बन रहा है जो काफी शुभदायी रहेगा। इस वर्ष का पहला शनि प्रदोष व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा। जब यह व्रत शनिवार के दिन आता है तो इसे शनि प्रदोष कहा जाता है। जबकि इसी दिन महाशिवरात्रि पर्व भी मनाया जाएगा। भगवान भोलेनाथ को महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत अत्यंत ही प्रिय हैं। वर्षों बाद यह संयोग आने से मात्र शिवजी के दर्शन से ही लोगों की मनोकामना पूर्ण हो जाएगी।

प्रदोष में करें भोलेनाथ की उपासना

हर महीने दो पक्ष होते हैं जिनमें एक कृष्ण पक्ष जबकि दूसरा शुक्ल पक्ष होता है। दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का भी महत्व होता है। जब दिन छिपने लगता है उस समय को प्रदोष काल कहा जाता है। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल के समय भगवान भोलेनाथ की पूजा का विधान है। इस दिन रात के पहले पहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसको जीवन में सुख ही सुख मिलता है। महाशिवरात्रि के दिन शनिवार होने के कारण शनि प्रदोष भी है। ऐसे में भगवान शिवजी के साथ ही शनि देव की पूजा का भी अपना बड़ा महत्व रहता है।

बाबा महाकाल को लगेगा दूध और शक्कर का भोग

उज्जैन बाबा महाकाल मंदिर के पुजारियों की मानें तो इस बार महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग होने से मंदिर की परंपरागत व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। बाबा महाकाल का शनि प्रदोष पर उपवास रहता है। सुबह भगवान को दूध और शक्कर का भोग लगाया जाएगा। सायंकाल पूजन के दौरान रुद्राभिषेक के बाद भोग अर्पित किया जाएगा। इसके पहले शिवरात्रि महापर्व होने से सुबह से भगवान महाकाल का कई प्रकार के फलों के रस से अभिषेक होगा।

महाकाल को अर्पित होंगे सप्तधान

महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल का केसरयुक्त चंदन से पूजन व जलाधारी पर हल्दी से पूजन किया जाएगा। इसके साथ ही उनका दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, भांग, कई प्रकार के फल के रस, नारियल पानी, गन्ने के रस से भी अभिषेक होगा। शिवरात्रि पर भगवान महाकालेश्वर को सप्तधान अर्पित कर विश्व के कल्याण की कामना की जाती है। जिसमें जौ, तिल, मसूर, उड़द, चावल, गेहूं, हरा मंूग शामिल रहता है।

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