
Chappan Pumpkin Farming : शुरू करें चप्पन कद्दू की खेती और कमाएं लाखों रुपए, कैंसर जैसे रोग में है उपयोगी

Zukini Cultivation In Hindi, Chappan Pumpkin Farming: भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां कि आज भी ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है। विज्ञान के इस बढ़ते दौर में लोगों द्वारा खेती के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्नत किस्म की खेती से किसानों की माली हालत भी बेहतर हो रही है। आज हम किसानों को एक ऐसी सब्जी की खेती के संबंध में बताएंगे इससे किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं। साथ ही यह कैंसर जैसे रोग मे लाभकारी सिद्ध होता है। यह जाने "जुगनी" खेती (Zukini Farming) के संबंध में इसे चप्पन कद्दू (Chappan Pumpkin) के नाम से जाना जाता है। आइये इसके सम्बंध में पूरी जानकारी लें।
पाऐ जाते है यह पोषक तत्व
Chappan Pumpkin Nutrients : वैज्ञानिकों द्वारा बताया जाता है कि चप्पन कद्दू (Chappan Kaddu) में केरोटिन की मात्र पाई जाती है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटैशियम तत्व पाये जाते हैं। पता चलता है कि फिल्म स्टार चप्पन कद्दू जिसे जुगनी (Zugni) के नाम से जानते हैं लोग खूब पसंद करते हैं। यह शरीर के वजन को नियंत्रित करता है। इस लिए भी फिल्म स्टार काफी पसंद करते हैं।
क्या है जुगनी
Zukni Kya Hai? Chappan Kaddu Kya Hai? Yah Kaisa Hota Hai? जुगनी जिसे चप्पन कद्दू के नाम से भी जाना जाता है यह कद्दू वर्गीय फसल है। गर्म क्षेत्रों में इसकी भरपूर पैदावार होती है। ठंड प्रदेशों में इसका पौधा विकसित नहीं हो पाता। जिस स्थान का तापमान 20 से 40 डिग्री के बीच रहता है वहां इसकी भरपूर पैदावार ली जा सकती है।
बोनी के 2 महीने पश्चात जुगनी फल देना शुरू कर देता है। इसके पौधे की लंबाई 4 से 5 फीट के करीब होती है। गर्मी के समय में इसकी खेती करना बहुत ही लाभप्रद है।
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खेत की तैयारी
Zukini Farming Field Preparation : जुगनी की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.6 के आसपास होना चाहिए। बताया गया है कि बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त है।
बोनी के पूर्व खेत की अच्छी से तैयारी करें। इसके लिए आवश्यक है कि मिट्टी को भुरभुरा बना लें। जिस स्थान पर बोनी करना है सबसे पहले बेड तैयार करें। उस जगह आधी मिट्टी और आधी गोबर की सड़ी खाद डालें। 40 प्रतिशत नाइट्रोजन और 40 प्रतिशत फास्फोरस मिलाना चाहिए। इसके पश्चात बेड में बीज को डालें या फिर पौधों को प्लांट कर दें।
जुगनी के मुख्य रूप से चार प्रकार के बीज बाजार में उपलब्ध है। जिसमें ऑस्ट्रेलियन ग्रीन, अर्ली एलो प्रोलिफिक, पूसा पसंद और पैटीपैन है। इन बीजों का उपयोग कर किसान भरपूर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।




