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सत्यपाल मालिक से सीबीआई की पूछताछ, 300 करोड़ के बदले दो फाइल वाले केस में जांच शुरू

सत्यपाल मालिक से सीबीआई की पूछताछ, 300 करोड़ के बदले दो फाइल वाले केस में जांच शुरू
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CBI Satyapal Malik: पीएम मोदी और अमित शाह को निशाने में लेने वाले मेघायल के पूर्व राजयपाल सत्यपाल मालिक से CBI ने पूछताछ शुरू कर दी है

CBI Satyapal Malik: प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बयान देने वाले बीजेपी नेता और मेघायल के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक से CBI ने पूछताछ की है. शनिवार 8 अक्टूबर को CBI सत्यपाल मालिक को बुलाकर उनके ही दिए विवादित स्टेटमेंट के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पहुंची थी.

गौरतलब है कि सत्यपाल मालिक ने बीजेपी को टारगेट करते हुए कहा था कि जब वो 2018-19 में जम्मू-कश्मीर के गवर्नर थे तब उनके पास दो फाइल आई थीं जिनपर हस्ताक्षर करने के बदले उन्हें 300 करोड़ रुपए ऑफर किए गए थे. मगर उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था.

सत्यपाल मालिक से सीबीआई की पूछताछ

CBI Investigation Against Satya Pal Malik: सत्यपाल मलिक ने कहा कि- 'मुझे जांच एजेंसी ने बुलाया था और उन्होंने मामले के संबंध में मेरा बयान दर्ज किया. मुझे आगे की पूछताछ से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई.'

CBI का कहना है कि 300 करोड़ की फ़ाइल वाले मामले में सत्यपाल मलिक से दो दिन भी हमने पूछताछ की थी. और शनिवार 8 अक्टूबर के दिन सवाल-जवाब किए जाए हैं. राजयपाल के रूप में मालिक का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद CBI ने अपनी इंक्वायरी शुरू की है. बता दें कि सत्यपाल मालिक बीजेपी में रहते हुए मेघालय, कश्मीर के आलावा गोवा और बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं.

सत्यपाल मालिक ने कहा था मुझे 300 करोड़ मिल रहे थे

सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को निशाने में लेते हुए एक बार कहा था कि जब मैं जम्मू-कश्मीर में गवर्नर था तब मेरे पास दो ऐसी फ़ाइल आई थीं जिनपर सिग्नैचर करने पर मुझे 300 करोड़ रुपए का ऑफर मिल रहा था. लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया था. उन्होंने इसके पीछे RSS और अनिल अंबानी की बीमा कंपनी को बताया था.

पिछले साल 17 अक्टूबर 2021 के दिन उन्होंने राजस्थान जाकर कहा था :

कश्मीर जाने के बाद मेरे सामने दो फाइलें लाई गईं. एक अंबानी और दूसरी RSS से जुड़े व्यक्ति की थी, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली तत्कालीन PDP-BJP सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री के बहुत करीबी थे.

'दोनों विभागों के सचिवों ने मुझे बताया था कि यह गलत कामकाज जुड़ा हुआ है, लिहाजा मैंने दोनों सौदे रद्द कर दिए गए. सचिवों ने मुझसे कहा था कि आपको प्रत्येक फाइल को मंजूरी देने के लिए 150-150 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं पांच जोड़ी कुर्ता-पायजामा लेकर आया था और केवल उन्हें ही वापस लेकर जाऊंगा.'

उनके इसी स्टेटमेंट के आधार पर CBI ने FIR दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी थी.

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