राष्ट्रीय

कर्नाटक के सियासी नाटक में विराम! सीएम येदियुरप्पा ने इस्तीफा देकर पीएम मोदी और अमित शाह को शुक्रिया कहा...

Aaryan Dwivedi
26 July 2021 2:41 PM GMT
कर्नाटक के सियासी नाटक में विराम! सीएम येदियुरप्पा ने इस्तीफा देकर पीएम मोदी और अमित शाह को शुक्रिया कहा...
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आखिरकार कर्नाटक के सियासी नाटक में विराम लग गया है. सीएम बीएस येदियुरप्पा (CM BS Yediyurappa) ने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है. 2019 में आज ही के दिन यानि 26 जुलाई को उन्होंने कर्नाटक के सीएम के तौर पर उन्होंने शपथ लिया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को शुक्रिया कहा है. 

आखिरकार कर्नाटक के सियासी नाटक में विराम लग गया है. सीएम बीएस येदियुरप्पा (CM BS Yediyurappa) ने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है. 2019 में आज ही के दिन यानि 26 जुलाई को उन्होंने कर्नाटक के सीएम के तौर पर उन्होंने शपथ लिया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को शुक्रिया कहा है.

सोमवार को सीएम येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. कर्नाटक में भाजपा के दो साल पूर्ण होने के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह ऐलान किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अग्निपरीक्षा से गुजरा हूं. कुछ ही देर बाद उन्होंने राजभवन पहुंचकर गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया. उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया है. हालांकि, नए मुख्यमंत्री के ऐलान तक वे कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

इसके बाद उन्होंने कहा कि उन पर हाईकमान का कोई प्रेशर नहीं है. मैंने खुद इस्तीफा दिया. मैंने किसी नाम को नहीं सुझाया है. पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करूंगा. कर्नाटक की जनता की सेवा का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया.

4 बार बनें मुख्यमंत्री, कभी भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए

येदियुरप्पा सबसे पहले 12 नवंबर 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, लेकिन महज सात दिन बाद 19 नवंबर 2007 को ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 30 मई 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते इस बार 4 अगस्त 2011 को इस्तीफा दिया. तीसरी बार 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री बने और फिर महज छह दिन बाद 23 मई 2018 को इस्तीफा हो गया. चौथी बार 26 जुलाई 2019 को मंख्यमंत्री बने और ठीक दो साल बाद इस्तीफा दे दिया.

लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़

कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और येदियुरप्पा की लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़ है. ऐसे में उनके इस्तीफे के बाद भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समुदाय को साधने की होगी.

बीते दिन ही विभिन्न लिंगायत मठों के 100 से अधिक संतों ने येदियुरप्पा से मुलाकात कर उन्हें समर्थन की पेशकश की थी. संतों ने भाजपा को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें हटाया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे.

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