
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, RT-PCR Test को लेकर दिया बड़ा बयान

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, RT-PCR Test को लेकर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली : देश में कोरोना की रफ़्तार कुछ कम हुई है। इसी बीच कोविड-19 टेस्ट को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा यू-टर्न लिया है। केंद्र सरकार ने कोरोना की जांच के सबसे भरोसेमंद टेस्ट आरटी-पीसीआर (RT-PCR Test) को कम करने का फैसला किया है। अगले महीने के अंत तक इस टेस्ट में 40 प्रतिशत तक की कटौती कर जाएगी। हालांकि, सरकार के इस फैसले से विशेषज्ञ चिंतित हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अब एंटीजन टेस्ट को बढ़ावा देगी। गौरतलब है कि यह कम भरोसेमंद है। दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा आरटी-पीसीआर (RT-PCR Test) पर ही किया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार जून के अंत तक रोजाना एंटीजन जांच की क्षमता को बढ़ाकर 45 लाख तक किया जाएगा।
एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ाने को कहा
मोदी सरकार का यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी की उस सलाह के दो महीने बाद आया है, जिसमें उन्होंने राज्यों को एंटीजन टेस्ट की संख्या को 70 प्रतिशत तक बढ़ाने को कहा था। पीएम ने कहा था कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है, तो कोई दबाव नहीं है।

सरकार ने आरटीपीसीआर की जांच क्षमता को भी पिछले हफ्ते के 16 लाख से घटाकर 12-13 लाख प्रतिदिन से कर दिया है। पिछले हफ्ते सरकार कह रही थी कि रोजाना आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की उसकी क्षमता 16 लाख है, लेकिन अब वह 1213 लाख का आंकड़ा दे रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट का अनुपात करीब 50-50 फीसदी रहा। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में 20.55 लाख सैंपल लिए गए। इनमें से 10.5 लाख (51.3 प्रतिशत) आरटीपीसीआर टेस्ट थे, जबकि 8.92 लाख (43.4 प्रतिशत) रैपिड एंटीजन टेस्ट थे। वहीं 1 लाख (5.3 प्रतिशत) के करीब सीबीनैट टेस्ट किए गए।




