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किसानो को लेकर बड़ा ऐलान, किसान बेच सकेंगे 150 रूपए क्विंटल गेहूं, 20 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की MSP पर खरीद

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किसानो को लेकर बड़ा ऐलान, किसान बेच सकेंगे 150 रूपए क्विंटल गेहूं, 20 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की MSP पर खरीद! Big announcement regarding farmers, farmers will be able to sell 150 rupees quintal of wheat, wheat procurement will start from April 20 at MSP

एक और जहां देश के कई प्रदेशों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है वहीं बिहार सरकार (Bihar Government) आगामी 20 अप्रैल 2022 से गेहूं की खरीदी शुरू करने जा रहा है। इसके लिए किसानों से रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया है। बिहार सरकार ने रवि विपणन वर्ष 2022-23 किसानों से समर्थन मूल्य (support price from farmers) पर गेहूं के उपार्जन (wheat procurement) के लिए दिशा निर्देश तय कर दिए हैं। वही समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की तारीख का ऐलान होते ही किसानों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर किसान भारी तादाद में रहे हैं।

समितियां करेंगी खरीदी

गेहूं की खरीदी पंचायत स्तर पर सहकारिता विभाग द्वारा चयनित प्राथमिक कृषि साख समितियां तथा प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल द्वारा किया जाएगा। इसके लिए गाइडलाइन तय कर दी गई है । गेहूं की खरीदी 20 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 31 मई 2022 तक की जाएगी।

किसानों से गेहूं खरीदी के लिए कहा गया है कि वह अपनी फसल तैयार रखें। गाइडलाइन के अनुसार गेहूं में अधिकतम नमी की मात्रा 14 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। खरीदी के बाद गेहूं का भुगतान किसान के खाते में किया जाएगा। भुगतान के लिए अधिकतम 48 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।

बिहार सरकार ने किसानों से रजिस्ट्रेशन के लिए कहा है कि किसान भाई कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर स्वयं भी तथा क्यों उसके या फिर संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर, खरीदी केंद्रों में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

बिहार सरकार ने गेहूं की खरीदी में किसानों को असुविधा से बचाने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया है। किसानों को बताया गया है कि वह कठिनाई होने पर दूरभाष संख्या 0 612-2506307 पर फोन कर सकते हैं। वही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है यह टोल फ्री नंबर 1800- 345- 6290 पर संपर्क किया जा सकता है। सरकार ने कहा है कि टोल फ्री नंबर पर शिकायत आते ही उस पर त्वरित कार्यवाही की जाए। जिससे किसानों को कोई भी असुविधा न हो।

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