
BEd vs BTC को लेकर बड़ा UPDATE, केवल बीटीसी वाले बन पाएंगे शिक्षक! जानें

BEd vs BTC Supreme Court Judgement: बीएड और बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर प्रकाश में आ रही है। भारत सरकार द्वारा दाखिल की गई एक याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा निर्णय दिया है। इस निर्णय को लेकर हम नीचे आपको सभी महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं। यह निर्णय बीएड BEd करने वाले और बीटीसी BTC करने वाले अभ्यर्थियों के लिए है। जो शिक्षक बनना चाह रहे थे। इस पर पूरी अपडेट और सुप्रीम कोर्ट की ओर से लिए गए निर्णय की जानकारी यहां पर दी जा रही है।
बीएड करने वाले उम्मीदवार अयोग्य करार
सुप्रीम कोर्ट ने बीएड BEd बनाम बीटीसी डीएलएड BTC/DelEd केस में राजस्थान उच्च न्यायालय के पुराने फैसलो को सही करार दिया है इसके साथ ही प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को अयोग्य करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंततः यह निर्णय लिया गया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया था कि बीएड करने वाले अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षकों की दावेदारी से बाहर रहेंगे, उसी को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी भारत सरकार द्वारा दाखिल की गई याचिका की सुनवाई में जारी रखा है और राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को कहीं न कहीं तवज्जो दी है। इस निर्णय से एक बड़ा भूचाल कहीं न कहीं बीएड करने वाले अभ्यर्थियों के साथ आ गया है। अब इस मुद्दे पर एक बड़ी बहस भी छिड़ रही है जो कहीं न कहीं इस निर्णय को लेकर कुछ सही बातें और कुछ गलत बातें बताने की ओर बढ़ सकती है।
बीएड करने वाले अभ्यर्थी नहीं बन पाएंगे प्राइमरी शिक्षक
बीएड BEd करने वाले सभी अभ्यर्थी अब प्राथमिक विद्यालयों Primary School में शिक्षक नहीं बन सकेंगे। वह शिक्षक बनने की दावेदारी से बाहर हो गए हैं। फिलहाल सभी भारतीयों के लिए यह निर्णय मान्य होगा। इसके आगे जो भी अपडेट होगी उसकी जानकारी सबसे पहले आपको देने का काम किया जाएगा। बीएड करने वाले कैंडिडेट अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे और केवल बीटीसी BTC करने वाले अभ्यर्थी ही प्राइमरी स्कूलों में अब शिक्षक कार्य कर पाएंगे। उच्चतम न्यायालय द्वारा बीएड और बीटीसी कैंडिडेट के लिए यह बड़ा निर्णय कहीं न कहीं एक दूरगामी परिणाम के रूप में सामने आ सकता है।
NCTE का नोटिफिकेशन जिससे शुरू हुआ विवाद
वर्ष 2018 में NCTE ने एक नोटिफिकेशन जारी कर BEd डिग्रीधारकों को भी REET लेवल प्रथम के लिए योग्य माना था। NCTE ने यह भी कहा था कि अगर BEd डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं तो उन्हें नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। BEd डिग्रीधारियों ने खुद को REET लेवल प्रथम में शामिल करने को लेकर याचिका लगाई। जिस पर फैसला नहीं हो पाया। राजस्थान सरकार ने REET 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें BEd डिग्रीधारी उम्मीदवारों को इस शर्त के साथ एग्जाम में बैठने दिया कि हाईकोर्ट के अधीन अंतिम निर्णय रहेगा।
लेवल-1 से बाहर हुए BEd डिग्रीधारी
REET के लेवल-1 में लगभग 9 लाख BEd योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी शामिल हुए। इसका आयोजन 26 सितंबर को हुआ। जिसको लेकर BSTS अभ्यर्थियों ने विरोध प्रारंभ कर दिया। तब मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए BSTS अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद दोनों परीक्षा देने वाले तकरीबन 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए अयोग्य हो गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले से BEd अभ्यर्थियों को झटका लगा था। जबकि राजस्थान ही नहीं बल्कि देश भर के बीएसटीसी अभ्यर्थियों को इस निर्णय से बड़ी राहत मिली।




