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भारत में हमला करने घुसे आतंकी को सेना ने पकड़ा! घायल हुआ तो जवानों ने खून दिया, कहा- पाक कर्नल ने 10 हज़ार रुपए दिए

भारत में हमला करने घुसे आतंकी को सेना ने पकड़ा! घायल हुआ तो जवानों ने खून दिया, कहा- पाक कर्नल ने 10 हज़ार रुपए दिए
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भारतीय पोस्ट उड़ाने आया आतंकी गिरफ्तार: आतंकी ने कहा- पाकिस्तान के कर्नल ने मुझे 10 हज़ार रुपए दिए थे

सेना ने पकड़ा पाकिस्तानी आतंकी: भारतीय सेना ने एक पाकिस्तानी आतंकी को पकड़ा है. जिससे पूछताछ में मालूम हुआ कि उस आतंकी को पाकिस्तानी सेना के कर्नल ने 30 हज़ार पाकिस्तानी रुपए (10 हज़ार 980 भारतीय रुपए) देकर भारतीय पोस्ट को उड़ाने का आदेश दिया था.

बता दे कि जिस आतंकी को भारतीय फ़ौज ने पकड़ा है वो पहले भी हमला करने के लिए भारत में घुसा था साल 2016 में उसे सेना ने पकड़ लिया था लेकिन मानवीय तौर पर उसे रिहा कर दिया गया. मगर आतंकी जात तो आतंकी ही रहेगी, वह फिर भारत में हमला करने के लिए घुसा और फिर से पकड़ा गया.

बॉर्डर में घुसपैठ की, गोली लगने से घायल हुआ

मालूम हुआ है कि 21 अगस्त को पाकिस्तानी आतंकी ताबरक हुसैन अपने 4-5 अन्य साथी आतंकियों के साथ LOC बॉर्डर में घुसपैठ करने की कोशिश कर रह था. वह भारतीय पोस्ट के करीब सीमाओं के बीच लगी फेंसिंग को काट रहा था. तभी उनकी हरकत पर सेना के जवानों की नज़र पड़ गई. इधर से फायरिंग हुई तो तबराक हुसैन को गोली लग गई. जबकि अन्य आतंकी जंगल में घुसकर भाग गए. तबराक पकड़ा गया.

आतंकी को सैनिकों ने खून दिया

भारतीय फ़ौज ना सिर्फ अपनी ताकत बल्कि दरियादिली के लिए जानी जाती है. फायरिंग में घायल हुए आतंकी का काफी ब्लड लॉस हो गया था. जिसके बाद उसे तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा. खून की कमी पूरी करने के लिए सेना के जवानों ने उसे अपना खून डोनेट किया।

पाकिस्तान के कोटली का रहने वाला है आतंकी

पकड़ा गया आतंकी तबराक हुसैन पाकिस्तान के कोटली का रहने वाला है. उसने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस चौधरी ने उसे और उसके साथियों को भारतीय पोस्ट में हमला करने के लिए भेजा था. और इसके बदले 30 हज़ार पाकिस्तानी रुपए दिए थे. उसने 1-2 फॉरवर्ड पोस्ट की रेकी भी की थी.

पहले भी पकड़ा गया था तबराक हुसैन

साल 2016 में इसी तबराक हुसैन को भारतीय सेना ने घुसपैठ करते हुए पकड़ा था. तब वह अपने भाई अली हुसैन के साथ भारत में घुसपैठ कर रहा था. लेकन एक साल बाद जेल से उसे रिहा कर दिया। यहां भारतीय फ़ौज ने उसे मानवीय तौर पर छोड़ दिया था. क्योंकि वह गरीब और लाचार था. लेकिन कहते हैं ना कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती। ऐसा ही हाल आतंकियों का है जिन्हे जितनी मानवता दिखाओ वह आतंकी ही रहेंगे।

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