
डॉ. बी.आर. आंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर को मुफ्त डिग्री कोर्स

Ambedkar Open University
शिक्षा में समानता की ओर एक कदम: डॉ. बी.आर. अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी (BRAOU) ने शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और समावेशी बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यूनिवर्सिटी के कुलपति, घंटा चक्रपाणि ने रविवार को घोषणा की कि राज्य के सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को यूनिवर्सिटी में मुफ्त डिग्री कोर्स करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब कोई यूनिवर्सिटी ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए ऐसा अवसर प्रदान कर रही है।
कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया और सुविधाएं
इस शैक्षणिक वर्ष से शुरू होने वाली इस योजना के तहत, इंटरमीडिएट (10+2) या इसके समकक्ष शिक्षा वाले कोई भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति डिग्री कोर्स में शामिल हो सकते हैं। इस कोर्स के लिए कोई भी ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी। हालांकि, छात्रों को ₹500 का रजिस्ट्रेशन शुल्क देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी छात्रों को कोर्स की पढ़ाई सामग्री और डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुँचने के लिए आवश्यक संसाधन भी मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। एडमिशन यूनिवर्सिटी के किसी भी स्टडी सेंटर पर लिया जा सकता है, जहाँ छात्र चाहें तो कक्षाओं में भी शामिल हो सकते हैं।
समाज के प्रति यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी
कुलपति घंटा चक्रपाणि ने कहा कि, "हमारा लक्ष्य सभी वर्गों के लिए शिक्षा में समान अवसर प्रदान करना है। यूनिवर्सिटी पहले से ही कैदियों और विभिन्न जगहों पर तैनात सैन्य कर्मियों को मुफ्त शिक्षा देकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा रही है।" उन्होंने बताया कि इससे पहले भी यूनिवर्सिटी ने गोंड, कोया, चेंचु और अन्य आदिवासी समुदायों के बच्चों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा की घोषणा की थी।
यूनिवर्सिटी के एडमिशन प्लान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, हेल्प डेस्क नंबर 040-23680333, 23680555 और वेबसाइट www.online.braou.ac.in पर संपर्क किया जा सकता है।
10+2 पास ट्रांसजेंडर के लिए मौका
इस योजना के तहत इस शैक्षणिक सत्र से कोई भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति, जिसने इंटरमीडिएट या इसके बराबर की पढ़ाई पूरी की हो, डिग्री कोर्स में दाखिला ले सकता है।
- पंजीकरण शुल्क: ₹500
- ट्यूशन फीस: पूरी तरह माफ
मुफ्त अध्ययन सामग्री और टूल्स
यूनिवर्सिटी सभी छात्रों को कोर्स सामग्री और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए जरूरी टूल्स मुफ्त उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, छात्र राज्यभर के किसी भी स्टडी सेंटर से कक्षाओं में शारीरिक रूप से भाग ले सकेंगे।
सामाजिक जिम्मेदारी के साथ शिक्षा
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय पहले से ही कैदियों और ड्यूटी पर तैनात सैन्य कर्मियों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है। इसके साथ ही, गोंड, कोया, चेंचू और अन्य आदिवासी समुदायों के बच्चों के लिए भी उच्च शिक्षा मुफ्त करने की घोषणा पहले की जा चुकी है।




