
अहमदाबाद विमान हादसा: जब हवा में हुई तबाही! जानें भारत और दुनिया के 10 सबसे भयावह प्लेन क्रैश

गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून, 2025 को एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (फ्लाइट नंबर AI-171) के दुर्घटनाग्रस्त होने की दुखद खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत कुल 242 लोग सवार थे। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हादसे की जगह से 100 से ज्यादा शव बरामद कर लिए गए हैं। यह भयावह घटना विमानन इतिहास के उन काले दिनों की याद दिलाती है, जब तकनीकी खामियों, मानवीय भूलों या खराब मौसम के कारण हजारों लोगों ने हवा में ही अपनी जान गंवा दी। आइए, जानते हैं भारत और दुनिया के 10 ऐसे ही सबसे बड़े और दर्दनाक विमान हादसों के बारे में, जिन्होंने विमानन सुरक्षा के नियमों को हमेशा के लिए बदल दिया।
भारत के 5 सबसे बड़े और दर्दनाक विमान हादसे
नवंबर 1996: चरखी दादरी में हवा में टक्कर, 349 मौतें
भारत के विमानन इतिहास का यह अब तक का सबसे काला और भयावह दिन माना जाता है। 12 नवंबर, 1996 को हरियाणा के चरखी दादरी के पास सऊदी अरब एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो विमान हवा में एक-दूसरे से आमने-सामने टकरा गए। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। बाद में हुई जांच में इस दुर्घटना का मुख्य कारण पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच हुई गलतफहमी और ऊंचाई की जानकारी को सही ढंग से न समझ पाना पाया गया।
जनवरी 1978: मुंबई में अरब सागर में गिरा एयर इंडिया का विमान, 213 मौतें
1 जनवरी, 1978 को एयर इंडिया का एक बोइंग 747 विमान (एम्परर अशोक) मुंबई से दुबई के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद अरब सागर में समा गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 213 लोगों की जान चली गई थी। जांच में इसका कारण पायलट का दिशा भ्रम (spatial disorientation) और विमान के एक महत्वपूर्ण उपकरण में आई तकनीकी खराबी को बताया गया।
मई 2010: मैंगलोर में खाई में गिरा एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान, 158 मौतें
22 मई, 2010 को दुबई से आ रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट 812 मैंगलोर के एयरपोर्ट पर लैंडिंग के समय रनवे से फिसलकर आगे एक गहरी खाई में जा गिरी और दो टुकड़ों में बंटकर आग के गोले में तब्दील हो गई। विमान में कुल 166 लोग सवार थे। इस हादसे में 158 लोगों की दुखद मौत हो गई थी, जबकि 8 लोग चमत्कारी रूप से बच गए थे। जांच में पायलट की लंबी थकान और ऊंचाई पर बने टेबल-टॉप रनवे पर विमान को उतारने में निर्णय लेने में हुई कुछ सेकंड की चूक को इस गंभीर दुर्घटना का जिम्मेदार माना गया।
अप्रैल 1993: औरंगाबाद में रनवे पर ट्रक से टकराया विमान, 55 मौतें
26 अप्रैल, 1993 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 491 दिल्ली से औरंगाबाद होते हुए मुंबई जा रही थी। जैसे ही विमान ने औरंगाबाद से उड़ान भरने के लिए रनवे पर दौड़ना शुरू किया, उसी समय रनवे पर एक ट्रक मौजूद था। पायलट को वह ट्रक समय पर दिखाई नहीं दिया और विमान उससे बुरी तरह टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और वह टूट गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में 55 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
अगस्त 2020: कोझिकोड में रनवे से फिसलकर दो टुकड़ों में बंटा विमान, 21 की मौत
7 अगस्त, 2020 को केरल के कोझिकोड (कालीकट) में एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान भारी बारिश के बीच लैंडिंग के समय रनवे से फिसलकर 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा और दो टुकड़ों में बंट गया। 'वंदे भारत मिशन' के तहत दुबई से भारतीयों को लेकर आ रहे इस विमान हादसे में पायलट और को-पायलट समेत 21 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 110 से अधिक लोग घायल हुए थे।
दुनिया के 5 सबसे घातक विमान हादसे
मार्च 1977: टेनेरिफ (स्पेन) - दुनिया का सबसे बड़ा विमान हादसा, 583 मौतें
विमानन इतिहास की सबसे बड़ी और विनाशकारी त्रासदी 27 मार्च, 1977 को स्पेन के टेनेरिफ द्वीप पर हुई थी। एक अन्य एयरपोर्ट पर बम की धमकी के कारण दो विशाल बोइंग 747 विमानों (KLM और पैन एम एयरलाइंस के) को एक छोटे से एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया गया था। वहां घने कोहरे, अव्यवस्था और कम्युनिकेशन में हुई एक छोटी सी घातक गलती के कारण दोनों विमान टेक-ऑफ के लिए एक ही रनवे पर आ गए और आपस में टकरा गए। इस भयानक हादसे में कुल 583 लोगों की मौत हुई थी।
अगस्त 1985: जापान - अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-प्लेन क्रैश, 520 मौतें
12 अगस्त, 1985 को जापान एयरलाइंस की फ्लाइट 123 का प्रेशर सिस्टम फेल हो जाने के कारण विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद अनियंत्रित होकर एक पहाड़ी से टकरा गया। इस हादसे में 520 लोगों की जान गई थी, और यह आज तक का सबसे बड़ा सिंगल-प्लेन (यानी जिसमें केवल एक ही विमान शामिल हो) हादसा माना जाता है।
मार्च 1974: पेरिस के पास तुर्किश एयरलाइंस का विमान क्रैश, 346 मौतें
3 मार्च, 1974 को तुर्किश एयरलाइंस का एक DC-10 विमान पेरिस के पास एक जंगल में गिर गया था। इसका कारण उड़ान के दौरान विमान के कार्गो होल्ड का दरवाजा अचानक टूट जाना था, जिससे केबिन में एयर प्रेशर खत्म हो गया और पायलट ने विमान पर से अपना नियंत्रण खो दिया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 346 लोग मारे गए थे। बाद में हुई जांच में इसे विमान के डिजाइन की एक गंभीर और घातक गलती का परिणाम पाया गया।
अगस्त 1980: सऊदी अरब में सुरक्षित लैंडिंग के बाद भी 301 मौतें
19 अगस्त, 1980 को सऊदी एयरलाइंस के एक लॉकहीड ट्राइस्टार विमान में रियाद से उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही कार्गो होल्ड में आग लग गई। पायलट ने विमान को सफलतापूर्वक वापस रियाद एयरपोर्ट पर लैंड करा लिया था, लेकिन आपातकालीन दरवाजे समय रहते नहीं खुल पाए और बचाव दल भी तुरंत अंदर नहीं पहुंच सका। नतीजा यह हुआ कि विमान के अंदर मौजूद सभी 301 यात्रियों और क्रू सदस्यों की जहरीले धुएं में दम घुटने से मौत हो गई।
अक्टूबर 2018: इंडोनेशिया में बोइंग 737 मैक्स का पहला बड़ा हादसा, 189 मौतें
इंडोनेशिया में 29 अक्टूबर, 2018 को लायन एयर का एक नया बोइंग 737 MAX 8 विमान जकार्ता से पांकल पिनांग शहर के लिए उड़ान भरने के महज 13 मिनट बाद ही जावा समुद्र में क्रैश हो गया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 189 लोगों की मौत हो गई थी। इस क्रैश की मुख्य वजह विमान के नए MCAS (Maneuvering Characteristics Augmentation System) सॉफ्टवेयर में आई एक गंभीर तकनीकी खराबी थी, जिसके बारे में पायलटों को पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई थी।
2024 में भी हुए कई बड़े विमान हादसे, ईरान के राष्ट्रपति की भी गई जान
विमानन सुरक्षा में लगातार हो रही प्रगति के बावजूद, साल 2024 भी विमान हादसों से अछूता नहीं रहा। इस साल 8 बड़े विमान हादसे हुए, जिनमें कुल 402 लोगों ने अपनी जान गंवाई। ज्यादातर हादसे खराब मौसम या विमान के इंजन में आई खराबी के कारण हुए। ऐसे ही एक बहुचर्चित हादसे में 19 मई, 2024 को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी, जब उनका हेलिकॉप्टर खराब मौसम और घने कोहरे की वजह से एक पहाड़ी इलाके में क्रैश हो गया था।