गहलोत सरकार का एक निर्णय, 1200 लोगोें के आंखों से निकला आंसू
जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार के एक निर्णय ने 1200 लोगों के आंखों से आसू निकल आये। लोगों के आंखों से निकले यह आंसू कोई गम के नही खशी के आंसू थे। अवसर था कैद से रिहाई का। छूटे कैदियों ने अब अपराध न करने का संकल्प लिया तो वहीं कुछ का कहना था कि वह अब देश और समाज के लिए कुछ करेंगे।
राजस्थान दिवस पर छूटे कैदी
म्ंागलवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान दिवस के अवसर पर 1200 कैदियों को खुली हवा में सांस लेने के लिए आजाद कर दिया। अब इनका बुढ़ापा अपनों के बीच कटेगा। वही अपनों से मिलने की खुशी इन कैदियों की आंखों से छलक पड़ी।
आंसू में खुशी भी गम भी
वही कई वर्षों तक जले में सजा काटने के दौरान आपस के बंदियों में ही एक पारिवारिक रिस्ता बन गया था। लोग आपस में ऐसे जुड गये थे मानों एक ही परिवार के है। इस रिहाई का लाभ कुछ लोगों को मिला तो वही कुछ रिहा होने वालों के कैदी साथी अभी भी जेल में हैं। जिनसे बिछड़ने का गम भी इन आंसुओं दिखा।
गंभीर रोग से ग्रसित हैं कई कैद
कोरोना के खतरे को देखते हुए तथा जेल में बंद कैदियों में गंभीर रोग को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया। जो कैदी कैंसर, एड्स, कुष्ठ के साथ ही अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित थे उनको रिहा किया गया। वही दृष्टिहीन जो कैद में रहते हुए अपने दैनिक क्रिया नही कर पाते थंे। उन्हे अब सहारे की नितांत आवश्यकता थी। ऐसे कैदियों को रिहा किया रोग के साथ महिला 65 तथा पुरुष 70 वर्ष के हो गये गये।
गंभीर अपराधियों को नहीं मिला लाभ
रिहाई से पहले लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर जेल तथा पुलिस के कुछ आला अधिकारियों से चार्चा हुई। जिसके बाद यह निर्णाय लिया गया कि बलात्कार, ऑनर किलिंग, मॉब लिंचिंग, पॉक्सो एक्ट, तेजाब हमले से संबंधित अपराध के साथ ही 28 प्रकार के गंभीर आराध करने वालों को नही रिहा करनें पर सहमति दी गई।