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CORONAVIRUS का नया अटैक, गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ा, मरीज नाम तक नहीं बता पा रहे, बोलने की क्षमता घटी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:18 AM GMT
CORONAVIRUS का नया अटैक, गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ा, मरीज नाम तक नहीं बता पा रहे, बोलने की क्षमता घटी
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CORONAVIRUS का नया अटैक गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ा मरीज नाम तक नहीं बता पा रहे बोलने की क्षमता घटी

CORONAVIRUS का नया अटैक, गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ा, मरीज नाम तक नहीं बता पा रहे, बोलने की क्षमता घटी

CORONAVIRUS गले और फेफड़े के साथ अब दिमाग को भी जकड़ रहा है। दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि CORONA से पीड़ित मरीजों में से एक तबका ऐसा भी है जिसमें संक्रमण का असर उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। एक्सपर्ट ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है। संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं। इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचाने की क्षमता भी घट रही है।

पहला मामला : मरीज बोलने की क्षमता तक खो चुका था

CORONAVIRUS दिमाग को कैसे प्रभावित कर रहा है इसे मार्च में सामने आए एक मामले से समझा जा सकता है। 74 साल के एक CORONA पीड़ित को आनन-फानन में इमजरेंसी में भर्ती किया गया। उसे खांसी और बुखार की शिकायत थी लेकिन एक्स-रे से निमोनिया की बात सामने आई और उसे घर वापस भेज दिया गया। अगले दिन उसका बुखार बढ़ा और परिजन वापस हॉस्पिटल लेकर आए। अब सांस लेने में तकलीफ भी शुरू हो चुकी थी। हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि वह डॉक्टर को अपना नाम तक नहीं बता पा रहा था। वह अपने बोलने की क्षमता भी खो चुका था।

मरीज को फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी थी, इसके साथ वह पार्किंसन से भी जूझ रहा था। जिसके कारण हाथ और पैरों को हरकत करने में दिक्कत हो रही थी। इसके अलावा उसमें दिमाग दौरा पड़ने का खतरा दिखाई दिया। DOCTORS को पहले शक हुआ कि इसे CORONAVIRUS का संक्रमण हुआ है और बाद में जांच में इसकी पुष्टि भी हुई।

दूसरा मामला : CORONA पीड़ित को सिरदर्द, जांच में दिमागी सूजन भी सामने आई

एक और मामला मिशिगन के डेट्रायट में सामने आया। करीब 50 साल की एक महिला एयरलाइनकर्मी को CORONA का संक्रमण हुआ। उसे कुछ नहीं समझ नहीं आ रहा था, उसने डॉक्टर को सिरदर्द होने की समस्या बताई। बमुश्किल वह डॉक्टर को अपना नाम बता पाई। धीरे-धीरे उसके जवाब देने की रफ्तार धीमी हो गई। जब ब्रेन स्कैनिंग की गई तो सामने आया कि दिमाग के कई हिस्सों अलग तरह की सूजन है। दिमाग के एक हिस्से की कुछ कोशिकाएं डैमेज होकर खत्म हो गई थीं।

DOCTORS ने इसे दिमाग की बेहद गंभीर स्थिति बताया और नाम दिया 'एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एनसेफेलोपैथी'। यह दुर्लभ कॉम्प्लिकेशन है जो इंफ्लूएंजा और दूसरे वायरस के संक्रमण से होता है। हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एजिसा फोरे के मुताबिक, संक्रमण के बाद कुछ दिनों मे तेजी दिमाग में सूजन आती है और लगातार बनी रहती है। यह मामला बताता है कि दुर्लभ स्थिति में CORONAVIRUS दिमाग को भी भेद सकता है। एयरलाइन कर्मी की हालत बेहद गंभीर है।

दिमाग में खून के थक्के जमना और दौरे पड़ने जैसे लक्षण दिखे

इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, CORONA के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से DOCTORS ने भी नोटिस किया। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एनसेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सून्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं। कुछ मामलों में CORONA का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है। इटली में ऐसे मरीजों के लिए अलग से न्यूरो-कोविड यूनिट शुरू की गई है।

फेफड़ों के लिए वेंटिलेटर है दिमाग के लिए कुछ नहीं पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. शैरी चोउ के मुताबिक, इस पर तत्काल नई जानकारी सामने लाने की जरूरत है। फेफड़े डैमेज होने पर वेंटिलेटर से मरीज की रिकवरी की उम्मीद है लेकिन दिमाग के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं है।

चीनी शोधकर्ताओं ने भी माना

हालिया शोध में चीनी वैज्ञानिकों ने कहा है कि ऐसे कई प्रमाण मिले हैं जो बताते हैं कि CORONAVIRUS अब सिर्फ सांस नली तक नहीं सीमित है। यह नर्वस सिस्टम तक पहुंच रहा है। जो सांस लेने की क्षमता को खत्म करने में अहम रोल अदा कर सकता है। चीन में हुई एक और रिसर्च में भी इसकी पुष्टि हुई है। फरवरी में हुए इस शोध के मुताबिक, CORONA से पीड़ित 15 फीसदी गंभीर मरीजों के मानसिक स्तर में बदलाव

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