

नई दिल्ली। चुनावी एवं राजनीतिक सुधारों की पैरोकार संस्था एसोसिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅम्र्स ने बताया है कि बीते चार सालों यानि 2016 से 2020 के दौरान हुए के दौरान कांग्रेस के 170 विधायकों ने दूसरी पार्टी का दामन थामा है। जबकि भाजपा के 18 विधायकों ने दूसरी पार्टी में शामिल हुए। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 से 2020 के दौरान पाला बदलकर फिर से चुनावी मैदान में उतरने वाले 405 विधायकों में से 182 भाजपा में शामिल हुए। इसी तरह 28 विधायक कांग्रेस और 28 विधायक तेलंगाना राष्ट्र समिति शामिल हो गये।
बताया गया है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 5 लोकसभा सदस्य भाजपा छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए तो 2016 से 2020 के दौरान कांग्रेस के 7 राज्यसभा सदस्य दूसरी पार्टी में शामिल हुए। वहीं बताया गया है कि मध्यप्रदेश, मणिपुर, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक में सरकार बनना-बिगड़ना विधायकों का पाला बदलने की बुनियाद पर हुआ है। इसी तरह 2016 से 2020 के दौरान पार्टी बदलकर राज्यसभा चुनाव पुनः लड़ने वाले 16 राज्यसभा सदस्यों में से 10 भाजपा में शामिल हुए हैं। इस आंकड़े के अनुसार कांग्रेस को जहां कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान उठना पड़ा तो वहीं भाजपा फायदे में रही है।




